SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

मुखर्जी नगर में यूपीएससी के छात्र आमरण अनशन पर, मनोज तिवारी के आदेश पर लाठीचार्ज!

पिछले कुछ दिनों से देश के युवा जो भविष्य में कलेक्टर बनने का सपना लिए बैठे हैं। वही आज सड़क पर बैठ भूख हड़ताल करने पर मजबूर हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सीसैट की परीक्षा से प्रभावित होकर अभ्यर्थियों की कुछ खास मांगें हैं। उनका कहना है कि यूपीएससी हर बार जैसे बदलाव के बाद उसकी भरपाई के एवज में कुछ प्रयास (अटेम्पट) बढाती है उसी तरह 2011 में हुए पाठ्यक्रम में बदलाव के बाद 3 और अटेम्प्ट बढ़ाए जाएं। इसको लेकर वो बीते 11 दिनों से मुखर्जी नगर स्थित बत्रा सिनेमा के पास धरने पर बैठे हुए हैं। 7 जनवरी को भूख हड़ताल पर बैठे कुछ छात्रों की हालत खराब हो गई थी, जिसके बाद एक छात्र को हिंदू राव अस्पताल में भर्ती किया गया। बताया जाता है कि 2-3 दिन पहले मुखर्जी नगर में शांतिपूर्ण ढंग से बैठे छात्रों पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के आदेश पर लाठीचार्ज भी किया गया।

देखें रिपोर्ट

आखिर मसला क्या है?

अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा में अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम के अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव किया जाता है। 2011 से संघ लोक सेवा आयोग ने लगातार परीक्षा के नियमों में बदलाव किये हैं जैसे कि सीसैट, मेन एग्जाम, पाठ्यक्रम आदि में कुछ बदलाव हुए है। इसके कारण हिन्दी में परीक्षा देने वाले छात्रों के चयन में लगातार कमी हुई है। छात्रों का कहना है कि हिन्दी भाषी छात्रों को हमेशा से कमतर आंका जाता है। जबकि हिन्दी माध्यम से पढ़ने वाले छात्र भी उतनी ही मेहनत करते हैं जितना कि अंग्रेजी माध्यम के छात्र करते हैं।

छात्रों की मुख्य मांगे क्या हैं?

साल 2011 के बाद परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को दुबारा परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाए। हिन्दी भाषा के साथ होने वाले भेदभाव को खत्म किया जाए। पीटी की उत्तर कुंजिका पीटी की परीक्षा के समाप्ति से दो सप्ताह के भीतर वेबसाइट पर अपलोड की जाए। मेन एग्जाम का मॉडल आंसर जारी किया जाए। साक्षात्कार का वेटेज घटाकर 100 अंकों का किया जाए।

-कोमल कश्यप

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "मुखर्जी नगर में यूपीएससी के छात्र आमरण अनशन पर, मनोज तिवारी के आदेश पर लाठीचार्ज!"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*