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हिंदी पत्रकारिता के पुरातन छात्रों ने की यादें ताजा

नई दिल्ली। 16 मार्च को दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर स्थित एसपी जैन सभागार में पत्रकारिता विभाग का एल्युमिनाई मीट कार्यक्रम इंटरफ़ेस-2019 का आयोजन हुआ। इस अवसर पर पत्रकारिता के भूतपूर्व छात्रों ने अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम में हिंदी विभागाध्यक्ष गोपेश्वर सिंह, प्रो. प्रेम सिंह, प्रो. दिनेश तिवारी, डॉ. अरविंद मोहन, सीमा भारती व प्रभाकर मिश्र भी मौजूद रहे। अतिथियों की ओर से दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ ही कार्यक्रम की शुरूआत हुई।

कार्यक्रम की शुरुआत में पत्रकारिता के छात्र पुष्पा, काजल व रुचि की ओर से सरस्वती वंदना की गई।  प्रथम सत्र के कार्यक्रम में मंच संचालन की जिम्मेदारी यासिर अराफ़ात व यशश्वी पाठक की थी। इस सत्र में प्राची की कविताओं व गीतांजलि के डांस ने तो समा बांधा ही बृहस्पति की प्रदर्शन ने भी रंग जमाया।

कविता, नृत्य, हास्य विनोद के बीच अध्यापक व पूर्व छात्र आकर अपने अनुभवों को पीजी डिप्लोमा कर रहे छात्रों से साझा कर रहे थे। इस तरह कार्यक्रम में मनोरंजन व ज्ञान का संतुलन बना हुआ था। प्रो. गोपेश्वर सिंह ने बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस अभावग्रस्तता के बावजूद बच्चे अपनी मेहनत और लगन से मुकाम हासिल कर रहे हैं। प्रो.दिनेश तिवारी ने कहा कि आप यही हिम्मत, हौसला, जोश, जुनून  और जज्बा बनाए रखिए। उन्होंने साहस, धैर्य, विवेक व संतोष एवं विनम्रता अर्जित करने की बात भी की जिनके आ जाने से कोई व्यक्ति राजा हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि “यदि किसी के पास ‘कैंपस संधान’ की पुरानी प्रतियां हो तो वे दें क्योंकि हम उनका संग्रह तैयार करने पर विचार कर रहे हैं”।

अरविंद मोहन  ने कहा कि जब यह पाठ्यक्रम 2 वर्ष का होता था तब छात्रों को पत्रकारिता की ओर मोड़ना ज्यादा आसान था। अब पढ़ने-पढ़ाने के लिए बमुश्किल छह-सात महीने मिलते हैं, ऐसे में यह काम बहुत मुश्किल हो गया है। सीमा भारती व प्रभाकर मिश्रा जोकि अध्यापक होने के साथ-साथ इसी कैंपस के एल्युमिनाई भी हैं, उन्होंने बड़ी आत्मीयता के साथ इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए छात्रों को बधाई दी। प्रभाकर मिश्र जी ने कहा जो लोग नहीं आए हैं उन तक यह बात पहुंचनी चाहिए कि उन्होंने क्या मिस किया है और अगले साल के एल्युमिनाई मीट में सबको शामिल होने की उम्मीद की।

कार्यक्रम के दौरान जो बात प्रमुखता से निकल कर सामने आई वह यह थी कि इस ‘इंटरफेस’ कार्यक्रम को नियमित किया जाए व ‘कैंपस संधान’ का और अधिक विस्तार दिया जाए तथा इसका डिजिटलीकरण की ओर भी ध्यान दिया जाए। बता दें कि कैम्पस संधान पत्रकारिता कर रहे छात्रों की ओर से हर माह निकाला जाने वाला समाचार पत्र है।

एल्युमिनाई कार्यक्रम में पत्रकारिता के क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों की विस्तृत चर्चा हुई। साथ ही पूर्व छात्रों की ओर से इससे संबंधित कई सवालों का जवाब भी दिया गया।

दूसरे सत्र में मंच संचालन की जिम्मेदारी पूजा कश्यप व राकेश ठाकुर के पास थी यह सत्र भी अत्यंत शानदार रहा। कविता जैनवाल की कविता ने लोगों को सोचने पर मजबूर किया तो वहीं जयेश पाटीदार व आशीष करोसिया की जुगलबंदी ने लोगों को खूब हंसाया। सौरव व पूजा की युगल नृत्य ने तो सबका मन मोह लिया था। सत्यम प्रियदर्शी की ओर से बिहार की दुर्गा पूजा के अवसर पर होने वाले मंचीय कार्यक्रम के दृश्य का ऐसा अद्भुत प्रदर्शन किया गया कि लोग ठहाके लगाने को मजबूर हो गए।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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