SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

हिन्दी क्षेत्र की जनता आज भी धर्म-जाति और समुदायों में विभक्तः डॉ. वैभव सिंह

“हिन्दी प्रदेश, नवजागरण और वैचारिक संकट” विषय पर अनहद कोलकाता की ओर से 5 जनवरी को वार्षिक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली से आए डॉ. वैभव सिंह ने हिन्दी में नवजागरण की समझ विकसित करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि नवजागरण के सूत्र अब तक हिन्दी क्षेत्र में पहुँच नहीं पाए हैं और हिन्दी पट्टी तक नवजागरण ठीक उसी तरह से घटित नहीं हुआ जिस तरह यूरोप और बाद में बंगाल और महराष्ट्र में घटित हुआ।

उन्होने जोर देकर कहा कि हिन्दी क्षेत्र की जनता आज भी धर्म और जाति और समुदायों में विभक्त है जबकि नवजागरण की परिकल्पना के मूल में मनुष्य को मनुष्य के समुदाय में देखने की बात कही गई है।

विदित हो कि अनहद कोलकाता एक वेव पत्रिका है और इस सदी के पहले दशक से ही सक्रिय रही है। अनहद कोलकाता द्वारा आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में अध्यक्षता युवा चितंक और आलोचक डॉ. ऋषिकेश राय कर रहे थे। उक्त आयोजन में हिन्दी कविता को अपनी लोक संवलित कविता से समृद्ध करने वाले केशव तिवारी को मनीषा त्रिपाठी स्मृति अनहद कोलकाता सम्मान प्रदान किया गया।

केशव तिवारी को अनहद कोलकाता के संपादक-संचालक डॉ. विमलेश त्रिपाठी एवं नीलांबर कोलकाता के महासचिव श्री ऋतेश पाडेय ने ग्यारह हजार रूपये की राशि, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। केशव तिवारी के सम्मान में प्रदान की गई प्रशस्ति पत्र का वाचन युवा प्राध्यापक श्री संदीप राय ने किया। बाद में अपनी रचना प्रक्रिया पर सम्मानित कवि केशव तिवारी जी ने अपना लंबा वक्तव्य रखा और अपनी कविताओं से दर्शकों का दिल जीत लिया।

समापन सत्र में सिक्किम विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुरेन्द्र कुमार ने अपने शास्त्रीय एवं उप शास्त्रीय गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरे कार्यक्रम का संचालन युवा आलोचक पीयूष कांत ने किया और अंततः धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विमलेश त्रिपाठी ने किया।

उक्त कार्यक्रम में हावड़ा एवं कोलकाता के साहित्यकार, साहित्य प्रेमी एवं भारी संख्या में शोध छात्र एवं छात्राएं मौजूद थीं जिनमें नवज्योति के संचालक प्रभात मिश्रा, नीलांबर कोलकाता के सदस्य ऋतेश पाडेय, ममता पांडेय, मनोज झा, विशाल पांडेय, सुजीत राय, स्मिता गोयल,पूनम सिंह के अलावा युवा कवि नील कमल, आनंद गुप्ता, डॉ.विनय मिश्र एवं गजलकार डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता एवं रौनक अफरोज, राहुल शर्मा, विनोद कुमार, दिवाकर सिंह, युगेश सिंह सहित हावड़ा नवज्योति के सदस्य और छात्र-छात्राएँ एवं भारी संख्या में सुधी श्रोता उपस्थित थे।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "हिन्दी क्षेत्र की जनता आज भी धर्म-जाति और समुदायों में विभक्तः डॉ. वैभव सिंह"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*