दिल्ली विश्वविद्यालय में एडहॉक टीचर्स (तदर्थ शिक्षकों) की ओर से शिक्षकों के समायोजन के मुद्दे को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी है। रविवार को तीसरा दिन था। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एडहॉक शिक्षकों द्वारा आर्ट्स फैकल्टी, नार्थ कैम्पस के गेट पर शिक्षकों के समायोजन को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षकों की मांग का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से इस पर तुरंत अध्यादेश लाने की मांग की है।
फोरम के चेयरमैन और डीयू की विद्वत परिषद के सदस्य़ प्रो. हंसराज ‘सुमन’ ने रविवार को एडहॉक शिक्षकों द्वारा की जा रही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का समर्थन किया है। शिक्षकों/ एसी, ईसी व डूटा सदस्यों से उनके विचार जानने के लिए विशेष रजिस्टर रखा गया है। रजिस्टर में अपने विचार भी रखें। उनका कहना है कि केंद्र सरकार जब भी समायोजन पर कोई नीति लेकर आए तो उसमें आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों का भी ध्यान रखा जाए ताकि लंबे समय से एससी, एसटी, ओबीसी व विकलांग शिक्षकों के पदों को केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के तहत नहीं भरा गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में एससी/एसटी के उम्मीदवारों का आरक्षण 2 जुलाई 97 से लागू किया गया है लेकिन उसे अमलीजामा पहनाने में कई वर्ष लगे। इसी तरह से ओबीसी आरक्षण को 21 मार्च 2007से लागू करते हुए पदों को भरना था लेकिन 2013 के बाद से इन पदों को भरना शुरू किया गया।
उन्होंने बताया है कि एससी, एसटी पदों को भरने के लिए 40 पॉइंट रोस्टर लागू कर बैकलॉग और शॉटफाल पदों को भरने के बाद 200 पॉइंट पोस्ट बेस रोस्टर लागू किया जाना था, मगर 13 पॉइंट रोस्टर लागू करके पदों को भरा गया। इससे एससी, एसटी, ओबीसी कोटे के उम्मीदवारों का आरक्षण आज तक पूरा नहीं हुआ।
प्रो. सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले एक दशक से डीयू के विभागों में एडहॉक, टेम्परेरी, गेस्ट फैकल्टी आदि के आधार पर पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों की स्थायी नियुक्तियों के लिए अनेक बार कॉलेजों/विभागों ने सहायक प्रोफेसर के पदों के विज्ञापन निकाले गए। कॉलेजों द्वारा अप्रैल/मई/जून -2017 में 45 कॉलेजों ने अपने यहाँ जो विज्ञापन निकाले उसमें सामान्य के 992, एससी के 296, एसटी के 154, ओबीसी के 495, पीडब्ल्यूडी के 75, इस तरह से कुल 2047 पदों के विज्ञापन निकाले गए। इसी तरह से विभागों में सहायक प्रोफेसर के 378, एसोसिएट प्रोफेसर के 399, प्रोफेसर के 153 के पदों की डीयू ने स्क्रीनिंग और स्क्रूटनी होने के बाद 4लाख 11 हजार उम्मीदवारों ने 62 विषयों में आवेदन किया।
सरकार समायोजन पर जल्द अध्यादेश लाए
प्रो.सुमन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि देशभर के 813 विश्वविद्यालयों में लाखों शिक्षक पिछले एक दशक से एडहॉक, टेम्परेरी, कंट्रक्चुअल, गेस्ट फैकल्टी में पढ़ा रहे हैं। अनेक बार विज्ञापन निकाले जाने के बाद भी पदों को भरा नहीं गया। इसलिए इन पदों का समायोजन करने के लिए सरकार जल्द से जल्द अध्यादेश लेकर आए।
साथ ही जब भी दिल्ली विश्वविद्यालय एडहॉक शिक्षकों का समायोजन करें तो केंद्र सरकार की आरक्षण नीति का सही ढंग से पालन किया जाये।
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