नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन के बाहर का नजारा भीड़ ही भीड़। हांथों में मजीरा, ढोलक, बाजा, बांसुरी और दुदुंभी। कुछ हथियार कृपाण, गदा और लाठी। सिर पर श्रीराम की भगवा रंग की टोपी, गले में भगवा गमछा यानी सब कुछ भगवा रंग में रंगा। औरत, बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक का एक ही नारा- श्रीराम! मंदिर वहीं बनाएंगे। यह सब दिख रहा था रविवार को विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित रामलीला मैदान में अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए आयोजित विशाल धर्मसभा में।
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अयोध्या धर्मसभा में इससे पहले हुई कम भीड़ के बाद संगठनों ने इस बार काफी पहले से तैयारी कर ली थी। दिल्ली के गली मुहल्लों में घर-घर जाकर धर्मसभा में जुटने का आह्वान किया गया थआ। यही कारण था कि पूरी दिल्ली में देश के कोने कोने से यानी अलग-अलग धर्मसभा का स्टेज भी विशाल ही था। कतारों में लोगों के चलने और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। चारों ओर फोर्स लगाई गई थी। दंगा राहत की गाड़ी के साथ-साथ एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी। विशाल स्टेज पर कम से कम दो दर्जन हिंदू साधु-संत बैठे थे, मैदान के चारों कोनों पर पुलिस के मचान और जगह-जगह लगे विशालकाय टीवी स्क्रीन, जिसपर बारी-बारी से मंच पर भाषण दे रहे वक्ता और भीड़ को देखा जा सकता था। सुबह 11 बजे से मंच के सामने लगाई कुर्सी पर लोग बैठना शुरू कर दिए थे। अलग-अलग साधु-संतों के भाषणों के बाद आरएसएस के सह- कार्यवाह भैयाजी जोशी ने सत्ता में बैठे लोगों से संसद के अधिकार को याद दिलाया।
इसी तरह से मंच से तमाम संतों ने एक सुर में सरकार से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द मंदिर निर्माण हो इसके लिए सरकार अध्यादेश लाए। अब साधु संतों और जनता का भी धैर्य समाप्त हो चुका है। उनकी मांग थी कि ये क़ानून संसद के इसी यानी शीत सत्र में ही आना चाहिए और अगर विधेयक संसद में पास न भी हो पाता है तो कम से कम यह तो पता ही चलेगा कि कौन-कौन से राजनीतिक दल मंदिर के समर्थन में हैं और कौन विरोध में।
गाना गा कर और बांसुरी बजाकर किया राम मंदिर बनाने का आह्वान
रामप्रजापति कहते हैं कि हम यूट्यूब पर लोगों को राम के गीत सुनाते हैं ताकि लोग राम की महिमा सुनें और प्रभावित हो। उन्होंने गाना सौगंध राम की मंदिर वहीं बनाएंगे गाकर पर काफी तालियां बटोर ली। (देखें वीडियोंः 2)
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अभी, कल आने वाला कल…कभी तो बनेगा मंदिर
दिल्ली के आसपास के इलाकों से आए औऱ एनसीआर के गाजियाबाद, रेवाड़ी, अलीगढ़ यहां तक कि मध्यप्रदेश के कई जिलों से, यूपी के बुलंदशहर जैसे तमाम जगहों खुद अयोध्या से आए लोगों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर मंदिर निर्माण नहीं हुआ तो यह सरकार नहीं रहेगी और हम लोग खुद बनाएंगे मंदिर। इतना ही जैसे ही कोई व्यक्ति बोलता तो इसके बाद 50-60 लोग आकर तेजी तेजी से श्रीराम के नारे लगाते और मंदिर वहीं बनाएंगे के साथ गाने बजाने लगते और तालियां बजाते।
यही हाल था लगभग हर कदम पर लोगों के।
अस्पताल, स्कूल छोड़ कर आए मंदिर बनवाने की कोशिश में…
बूढ़े लोगों, महिलाओं, दिव्यांगों सभी से फोरम4 की बात हुई सबने मंदिर निर्माण को विकास से ऊपर का मुद्दा बताते हुए आस्था से जोड़कर जल्द से जल्द मंदिर निर्माण की बात कहीं। लोगों ने कहा हमारे लिए श्रीराम सबसे ऊपर हैं। हम रहें या न रहें लेकिन मंदिर निर्माण होकर रहेगा। कुछ चिकित्सक ने कहा कि हम मरीजों को छोड़ कर श्रीराम को समर्पित करने के लिए आए हैं। व्यापारी अपनी दुकानों को बंद करके आए हुए थे। दिव्यांग लुढ़कते हुए मंदिर बनवाने की आस में धर्मसभा तक आ पहुंचे थे।
टेंट में रह रहे भगवान, हम कैसे सोएं
फोरम4 ने धर्मसभा में जुटी भीड़ में लोगों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि हमें यह बिल्कुल मंजूर नहीं और अब हम यह देख नहीं सकते कि हमारे भगवान राम टेंट में रहने को मजबूर रहें। (देखें वीडियो)
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सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई
सब यही कह रहे थे कि हमे तो सुप्रीम कोर्ट में विश्वास ही नहीं रहा अब। एक बूढ़े व्यक्ति ने तो यहां तक कह दिया कि मुख्य न्यायाधीश दूषित विचारों वाले हैं। उनका रवैया नहीं है मंदिर निर्माण का। सरकार और सुप्रीम कोर्ट से बड़ी जनता है और जनता में चाहे वो हिंदू हों या मसलमान सब चाहते हैं मंदिर ही बने। उनका कहना है कि विकास हो लेकिन मंदिर की कीमत पर नहीं। मंदिर एक अलग मुद्दा है।
-प्रभात
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