दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से सम्बद्ध विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को वर्षों से पदोन्नति ना होने के कारण सेवानिवृत्त किया जा रहा है। 31 दिसम्बर को सेंट्रल पूल से 6 कर्मचारियों को सेवानिवृत्त किया जा रहा है यदि उनकी समय पर पदोन्नति हो जाती तो उनमें दो कर्मचारी वरिष्ठ सहायक से अनुभाग अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त होते। कर्मचारियों की पदोन्नति ना होने से दिल्ली विश्वविद्यालय के कर्मचारियों में इसको लेकर काफी रोष व्याप्त है।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की एकेडेमिक कांउन्सिल के सदस्य प्रो. हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण सेंट्रल पूल में कार्यरत्त कर्मचारी पदोन्नति ना होने से हर महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनका कहना है कि यदि इन कर्मचारियों की समय पर पदोन्नति हो जाती तो आज वे उच्च पदों से सेवानिवृत्त होते।
प्रो. सुमन ने बताया है कि 31 दिसम्बर को दो कर्मचारी जिसमें रीमा बैरी और अनीता सब्बरवाल (वरिष्ठ सहायक) पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं जबकि इनकी समय पर पदोन्नति की जाती तो ये अनुभाग अधिकारी पद से सेवानिवृत्त होतीं। उन्होंने यह भी बताया है कि डीयू को अपनी तीन दशक से अधिक तक अपनी सेवाएं देने के बावजूद वे बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनका कहना है कि इनकी डीपीसी जनवरी 2018 से देय थी लेकिन, इनके कुलपति नॉमिनी ना होने के कारण जो अनुभाग अधिकारी बन सकते थे वह 31 दिसम्बर को वरिष्ठ सहायक पद से ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
प्रो. सुमन का कहना है कि यदि इन तमाम कर्मचारियों की समय पर पदोन्नति होती तो सेवानिवृत्ति के बाद इनकी पेंशन, ग्रेजुवटी, अर्जित अवकाश की भुगतान आदि पर असर पड़ता लेकिन, डीपीसी ना होने से बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि वह 2 जनवरी 2019 को हो रही विद्वत परिषद की बैठक में शैक्षिक व गैर शैक्षिक कर्मचारियों की लंबे समय से पदोन्नति ना होने का मुद्दा उठाएंगे। साथ ही जिन कर्मचारियों का प्रमोशन देय है उनकी समय से पदोन्नति कराने के लिए सड़कों पर उतरेंगे।
Shameful for Delhi university where wise people work but not able to make promotional system smooth till date.
Yes„ i agree rhis agitation must be started or i will strongly support this