मीडिया में सेहत से सम्बंधित खबरों की रिपोर्टिंग न के बराबर होती है। स्वास्थ्य खबरों को उतनी प्रमुखता नहीं दी जाती है, जितनी दिए जाने की जरूरत है। गर मीडिया स्वास्थ्य संबंधी खबरों को प्रमुखता दे तो देश की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधर सकती है। उक्त बातें जेनेरिकोनॉमिक्स के लेखक एवं स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय के ग्वायर हाल में स्थित अटल सभागार में बोलते हुए कही। ‘मीडिया आम जन के सेहत को लेकर जितना गंभीर है’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में बोलते हुए आशुतोष ने देश के सभी संपादको को संबोधित करते हुए कहा कि देश के संपादको को सेहत के विषय क्षेत्र को बढ़ाते हुए अपने यहां दैनिक रूप से एक सेहत का पन्ना जोड़ना चाहिए। साथ ही सेहत बीट को दोयम दर्जे का न समझते हुए इसकी गंभीरता को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश का विकास सेहत की कसौटी पर कसे बिना नहीं मापा जा सकता है।
इस अवसर पर बोलते हुए स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने को लेकर एक्टिविज्म कर रहे समाजसेवी अजय कुमार ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को सरकार जब तक मौलिक अधिकार में शामिल नहीं कर लेती तब तक लड़ाई जारी रहेगी। भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रवक्ता चारु प्रज्ञा ने प्रीवेंटिव एवं क्यूरेटिव अप्रोच अपनाए जाने पर बल देते हुए कहा कि यदि हम अपने किचन सेहत की नज़र से ठीक से समझ लें तो आधी बीमारी तो ऐसे ही न आये।
इस अवसर पर आशुतोष कुमार सिंह की चर्चित पुस्तक जेनेरिकोनॉमिक्स का लोकार्पण हुआ।
इसके पूर्व दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। मंच संचालन ग्वायर हॉल के अध्यक्ष प्रभांशु ओझा ने किया।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के स्टडी सर्किल के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने भी युवाओं को स्वयं जागरूक होने की बात कही। दिल्ली विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं स्वास्थ्य विषय पर शोध कर रहे प्रेम कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस मौक़े पर शोध छात्र विकास,शशि प्रकाश सहित सैकड़ों छात्र मौजूद रहे।
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