-नेहा पांडेय
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष
“हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की” स्कूल में इस तरह के नारे लगाते हुए हर बच्चा अपने आप को नन्द गोपाल जैसा महसूस करता है। कृष्ण हिन्दू धर्म के ऐसे देवता हैं जिनके किस्से कभी बाल गोपाल की मन मोहक लीलाओं को सुनने के रूप में मिला तो कभी गीता प्रवचन के रूप में जीवन का आदर्श मिला। हिन्दुओं में भगवान कृष्ण के जन्मदिन को कृष्णा जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि में हुआ था। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं। बारह बजे के बाद कृष्ण जन्म होता है और इसी के साथ सब भक्त चरणामृत लेकर अपना व्रत खोलते हैं।
आज के सन्दर्भ में कृष्ण के जीवन की सार्थकता और भी बढ़ जाती है क्योकि उनका व्यक्तित्व ही कुछ इस प्रकार का है। धर्म और कर्म की ऊचाइयों पर होने के बाबजूद कृष्ण गंभीर या उदास नहीं हैं। उनका हमेशा प्रसन्नचित चेहरा जीवन में सकारात्मक खोजने और मुस्कराते रहने को प्रेरित करता है। ईश्वर के रूप में भी कृष्ण नाचते हुए, मुरली बजाते हुए, गोपियों के साथ नृत्य करते हुए जीवन के उस अनुभव से रूबरू कराते हैं, जहाँ जिंदगी में बस मस्ती, तसल्ली, ख़ुशी, उन्माद और सुखद अनुभूति है। इसका भी साधारण सा मतलब है कि जीवन एक मौका है खुशियाँ बिखेरने का,आनंद मनाने का।
आज के दौर में जहां हिंसा, तनाव, हत्या, आत्महत्या, अवसाद, विभिन्न अपराध जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। हमें कृष्ण के जीवन को आत्मसात करना चाहिए। जीवन की स्वीकार्यता और उसमे रस लेना कृष्ण के चरित्र की बुनियादी विशेषता है जो हमें जीवन के उस पक्ष से भेंट कराती है, जहाँ दया और करुणा है तो युद्ध लड़ने की भी सामर्थ्य है। बचपना है तो विचारों की परिपक्वता भी है। जीवन के रंग हैं तो योग भी है। एक प्रेमी है तो एक शक्तिशाली योद्धा भी है। आम इंसानों की तरह लड़ना, भिड़ना, खेलना, भागना, छीनना, झपटना है तो सृष्टि का विराट स्वरूप भी है। बंशी की धुन पे मगन हो कर झूमना है तो गीता में तर्क और चेतना का समावेश भी है। यही है जीवन जहाँ कर्म, उपलब्धियाँ, उल्लास, हर्ष और सबसे बड़ी बात सत्य की स्वीकार्यता है जहाँ जीत है तो हार भी है। जीवन है तो मरण भी है। रचना है तो विनाश भी है। …तो चलिए इस जन्माष्टमी कृष्णमय हो कर जीवन को हम सही दिशा और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
Be the first to comment on "माखन चोर से जुड़ी वो खास बातें जो कृष्ण जन्माष्टमी को बनाती हैं विशेष"