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DU: हिंदी विभाग ने MPhil-PhD दाखिले को लेकर की बड़ी चूक, जानिए पूरा मामला

-सुकृति गुप्ता

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में इस साल एमफिल-पीएचडी के दाखिले को लेकर पहले ही बहुत हंगामा हो चुका है। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की तरफ़ से चूक हुई। इसके चलते विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन हुए। इसके बाद कुछ समय तक साक्षात्कार प्रक्रिया को भी रोकना पड़ा। इस कारण दाखिले में भी काफ़ी देरी हो रही है, पर अब भी चूक का यह सिलसिला जारी है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग ने हाल ही में एमफिल-पीएचडी के साक्षात्कार के लिए जो सूची जारी की थी, उसमें विभाग की ओर से भारी चूक देखने को मिली। इससे परेशान होकर एमफिल-पीएचडी के लिए आवेदन करने वाले छात्रों ने कुलपति से इसकी शिकायत की थी। उनकी शिकायत थी कि एमफिल-पीएचडी दोनों परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के बावजूद भी उन्हें केवल एमफिल या पीएचडी (केवल एक) के साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था।

बता दें कि अभ्यर्थियों की शिकायत थी कि उनसे एमफिल और पीएचडी के लिए अलग-अलग आवेदन पत्र भरवाए गए थे। दोनों की फीस भी अलग-अलग ली गई थी। पर, दोनों के लिए एक ही परीक्षा (Combined Entrance Test) रखी गई थी, मतलब एमफिल और पीएचडी के लिए अलग-अलग लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता नहीं थी। अभ्यर्थियों का कहना है ऐसे में एमफिल और पीएचडी दोनों के लिए आवेदन करने वालों का नाम दोनों ही साक्षात्कार सूची में होना चाहिए था, जबकि ऐसा नहीं हुआ। इसकी शिकायत करते हुए कई अभ्यर्थियों ने कुलपति और हिंदी विभागाध्यक्ष को ईमेल किया। विद्यार्थियों का कहना था कि उन्हें मेल का कोई जवाब भी नहीं मिला।

पीड़ित अभ्यार्थियों में से कई छात्रों ने फोरम4 न्यूज़ से बात की। उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ़ से यह बड़ी चूक है। जब उन्हें ज्ञात हुआ कि एमफिल और पीएचडी दोनों के लिए लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद उनका नाम केवल एमफिल या पीएचडी की साक्षात्कार सूची में है तो उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति और हिंदी विभागाध्यक्ष को मेल किया। उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों के साथ धोखा है क्योंकि उनसे एमफिल और पीएचडी दोनों के लिए अलग-अलग आवेदन राशि ली गई थी। इसका संबंध सीधे तौर पर मुनाफ़े से भी है।

खैर, इस मसले पर हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मोहन का कहना है कि वे इस मसले से वाकिफ़ हैं और जल्द ही इसका निवारण करेंगे। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा था कि 8 अक्टूबर से पूर्व एक नई साक्षात्कार सूची जारी करते हुए उन विद्यार्थियों को भी साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा जिनके नाम लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद नहीं हैं।

इस संदर्भ में हिंदी विभाग ने दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर एक नोटिस जारी करते हुए सूचना दी है कि जिन विद्यार्थियों के नाम लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद दोनों (एमफिल-पीएचडी) साक्षात्कार सूची में नहीं थे उनके साक्षात्कार 10 अक्टूबर के बाद होंगे। लेकिन, उससे पूर्व 6 अक्टूबर दोपहर तीन बजे तक इन अभ्यर्थियों को अपने प्रार्थना पत्र के साथ एमफिल और पीएचडी प्रवेश परीक्षा के दोनों अनुक्रमांक पत्रों की प्रतिलिपि हिंदी विभाग में जमा करनी होगी। प्रार्थना पत्र तथा प्रतिलिपियां हिंदी विभाग को इमेल (head.hindi.du@gmail.com) भी की जा सकती हैं। इस संदर्भ में हिंदी विभाग अगला नोटिस 8 अक्टूबर 2018 तक जारी करेगा।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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