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मोदी के आने के बाद खादी की 400 फीसद सेल बढ़ी, लोगों को मिला रोजगारः मीनाक्षी लेखी

पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में मौजूद सांसद मीनाक्षी लेखी व अन्य अतिथि

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में 1 अक्टूबर को वर्तमान परिदृश्य और गांधी पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हंसराज कॉलेज की प्राचार्या डॉ रमा की पुस्तक का भी लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में मीनाक्षी लेखी को भी आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में नीरा मिश्रा और पार्थ सारथी थपलियाल मुख्य वक्ता रहीं।

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नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की सांसद मीनाक्षी लेखी जो भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं उच्चतम न्यायालाय में वकील हैं, ने अपने वक्तव्य में गांधी की वर्तमान में प्रासंगिकता के बारे में छात्रों को रूबरू कराया। उन्होंने गांधी के समय के राष्ट्रीय आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय महिलाओं की सक्रियता ज्यादा देखने को मिलती थी। इसलिए ही किसी आंदोलन को सफलता मिल पाती थी। खादी व सूत कातने से लेकर हर काम के लिए महिलाओं की प्रासंगिकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के पीछे किसी प्रकार का लालच नहीं था। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले हमारा लक्ष्य विकसित देशों की श्रेणी में आना था। लेकिन, इसके बाद लक्ष्य बदल गया। गांधी के विचारों पर चला ही नहीं गया।

गांधी के बारे में मीनाक्षी ने कहा कि मेरी उनसे वैचारिक मतभेद हो सकती हैं लेकिन उनके व्यक्तित्व से सहमत हूं। गांधी के विचार जैसे तब प्रासंगिक थे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। हालांकि कस्तूरबा के बारे में गांधी के दृष्टिकोण को जटिल चरित्र बताते हुए उन्होंने कहा कि मुझे नहीं समझ आता कि गांधी कितने सही थे।

खादी के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने वर्तमान सरकार की उपलब्धियों को बताया कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद खादी से लोगों को रोजगार मिला। आज यह फैशन स्टेटमेंट है। खादी की सेल 400 फीसद तक बढ़ गई। पहले की सरकारों ने खादी को प्रोत्साहित ही नहीं किया। खादी आर्थिक रूप से सस्टेनेबल (सतत) भी है। अन्य कपड़ों को तैयार करने में जितनी पानी की जरूरत होती है उससे बहुत कम पानी खादी के कपड़ों को तैयार करने में लगता है।

मुख्य़ वक्ता के रूप में द्रौपदी ड्रीम ट्रस्ट, दिल्ली की अध्यक्ष एवं न्यासी नीरा मिश्रा ने सभी को खासकर युवाओं को गांधी की राह पर चलने के लिए जरूरी बताया। हम जब महात्मा गांधी के पदचिह्नों पर चलेंगे तो ही हम सही दिशा में चलकर देश के लिए कुछ कर सकेंगे।

वहीं कार्यक्रम के बारे में हंसराज कॉलेज की प्राचार्या डॉ रमा ने कहा कि आज के व्याख्यान का विषय वर्तमान परिदृश्य व महात्मा गांधी रहा। इस तरीके के विमर्श और पुस्तकों को पढ़ने से ही हमारी युवा पीढ़ी गांधी के बारे में सही तरीके से जान सकती है। हंसराज क़ॉलेज के इस कार्यक्रम के माध्यम से गांधी के दर्शन की प्रासंगिकता को युवाओं के बीच रखना ही कार्यक्रम का उद्देश्य है।

पूर्व वरिष्ठ प्रसारणकर्मी, आकाशवाणी पार्थ सारथी थपलियाल, उपाध्यक्ष दिल्ली संस्कृत अकादमी, नई दिल्ली डॉ कान्ता भाटिया भी गांधी के दर्शन को छात्रों को जीवन में उतारने की जरूरत का जिक्र करते हुए गांधी के जीवन से जुड़ी कई अहम बातों का उल्लेख किया। कार्यक्रम का संचालन विजय मिश्रा ने किया। इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षक महेंद्र प्रजापति व बहुत सारे छात्र भी मौजूद रहे।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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