SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

हादसों के शहर में 

तस्वीरः गूगल साभार

हादसों के शहर में,
सबकी खबर रखिए ।
कोई रखे न रखे,
आप जरूर रखिए।
इस दौर में
वफा की बातें,
यक़ीनन सिरफिरा है कोई,
उस पर नजर रखिए।
चेहरों को पढ़ने का हुनर,
खूब दुनिया को आता है।
राज कोई भी हो,
दिल में छुपा कर रखिए।
नजदीकी दोस्तों की भी
नहीं है इतनी अच्छी,
रिश्ता कोई भी हो,
फासले बना कर रखिए।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

संजय भास्कर
संजय भास्कर ब्लॉगर हैं और कविता लिखने का शौक रखते हैं

Be the first to comment on "हादसों के शहर में "

Leave a comment

Your email address will not be published.


*