यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) के निर्देश के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय में सर्टिफ़िकेट और डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई अब सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) के अनुसार होगी। साथ ही एक ही विश्वविद्यालय में दो अलग-अलग पाठ्यक्रम और दो तरह की डिग्री नहीं दी जा सकती। इसके लिए एनसीवेब और एसओएल के वार्षिक परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव किया जा रहा है। अगले सत्र (2019-20) से यहां पर भी सीबीसीएस कोर्स का पाठ्यक्रम लागू किया जायेगा और उन्हें भी सीबीसीएस कोर्स के अंतर्गत डिग्री दी जायेगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षिक मामलों को देखने वाली स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) की बैठक में फैसला लिया गया है कि यूजीसी द्वारा चलाए जा रहे सीबीसीएस के तहत कोर्स जिसमें सर्टिफ़िकेट और डिप्लोमा कोर्स को पढ़ाने के लिए सीबीसीएस को लागू करना होगा। यदि इन पाठ्यक्रमों को सीबीसीएस के तहत नहीं पढ़ाया तो मान्यता भी खतरे में पड़ सकती है।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शैक्षिक मामलों को देखने वाली स्थायी समिति के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने बताया है कि अब हर विश्वविद्यालय को यूजीसी की नेक (NAAC) से मान्यता लेनी है तो यूजीसी द्वारा चलाए जा रहे सीबीसीएस के तहत कोर्स जिसमें स्नातक (अंडर ग्रेजुएट) और परास्नातक (पोस्ट ग्रेजुएट) शामिल हैं, की तरह सर्टिफ़िकेट और डिप्लोमा कोर्स को भी सीबीसीएस कोर्स लागू करते हुए पढ़ाना होगा। साथ ही जो पाठ्यक्रम बनाये गए हैं उन्हें यूजीसी के नियमों के तहत डिप्लोमा और डिग्री दी जायेगी।
स्थायी समिति में फैकल्टी ऑफ़ साइंस के अंतर्गत डिपार्टमेंट ऑफ ईस्ट एशियन स्टडी द्वारा पार्ट टाइम सर्टिफ़िकेट/डिप्लोमा/एडवांस डिप्लोमा कोर्स पढ़ाए जाएंगे। साथ ही इसमें भी विश्वविद्यालय के नियमों का पालन किया जायेगा।
इस विभाग की ओर से कराये जाएंगे ये कोर्स
- सर्टिफ़िकेट कोर्स इन चाइनीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम)
- सर्टिफ़िकेट कोर्स इन जापानीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम)
- सर्टिफ़िकेट कोर्स इन कोरियन लैंग्वेज (पार्ट टाइम)
- डिप्लोमा कोर्स इन चाइनीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम)
- डिप्लोमा कोर्स इन जापानीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम)
- डिप्लोमा कोर्स इन कोरियन लैंग्वेज (पार्ट टाइम)
- एडवांस डिप्लोमा कोर्स इन चाइनीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम)
- एडवांस डिप्लोमा कोर्स इन जापानीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम)
- एडवांस डिप्लोमा कोर्स इन कोरियन लैंग्वेज (पार्ट टाइम)
प्रो. सुमन के अनुसार इसी तरह से चार कॉलेजों को पार्ट टाइम सर्टिफ़िकेट कोर्स दिए गए हैं। इसमें मिरांडा हाउस, श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, रामजस कॉलेज, श्री गुरु गोविंद सिंह कॉलेज कॉमर्स शामिल हैं।
कौन-कौन से कोर्स हैं शामिल
मिरांडा हाउस
सर्टिफ़िकेट कोर्स इन चाइनीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम-1वर्ष)
सर्टिफ़िकेट कोर्स इन जापानीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम-1 वर्ष)
श्री वेंकटेश्वर कॉलेज
सर्टिफ़िकेट कोर्स इन चाइनीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम-1 वर्ष)
रामजस कॉलेज
सर्टिफ़िकेट कोर्स इन कोरियन लैंग्वेज (पार्ट टाइम-1 वर्ष)
डिप्लोमा इन जापानीज लैंग्वेज
डिप्लोमा इन चाइनीज लैंग्वेज
श्री गुरु गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स
सर्टिफ़िकेट कोर्स इन कोरियन लैंग्वेज (पार्ट टाइम-1 वर्ष)
सर्टिफ़िकेट कोर्स इन चाइनीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम-1 वर्ष)
सर्टिफ़िकेट कोर्स इन जापानीज लैंग्वेज (पार्ट टाइम-1 वर्ष)
इन पाठ्यक्रमों को स्थायी समिति ने मान्यता दी है। अब इन कोर्स को आगामी अकादमिक परिषद की बैठक में पास किया जायेगा, जिसके बाद सीबीसीएस के तहत सर्टिफ़िकेट कोर्स व डिप्लोमा कोर्स का प्रमाण पत्र दिया जा सकता है।
अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के पाठ्यक्रमों को सीबीएस के अनुसार पढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा सर्टिफ़िकेट, डिप्लोमा कोर्स में सीबीसीएस जल्द लागू करने में दिक्कत आएगी। इसलिए सभी कोर्स शैक्षिक सत्र 2019-20 में ही लागू होंगे। प्रो. सुमन के अनुसार अभी एसओएल और एनसीवेब में पढ़ाए जाने वाले कोर्स स्थायी समिति के पास नहीं आए हैं। जब तक यहां पास नहीं होंगे, उन्हें लागू नहीं किया जा सकता।
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