भारतीय रेलवे में सफर कर रहे हैं और अगर आपका बैग चूहे ने कुतर लिया हो तो यह शायद आपके लिए उतना आश्चर्य का विषय न हो, लेकिन जब यात्री को कोई चूहा चलती ट्रेन से काट ले तो यह अत्यधिक आश्चर्य और लापरवाही का विषय माना जा सकता है। इसके लिए कौन जिम्मेदार हो? रेलवे प्रशासन ही न। तभी तो चलती ट्रेन में चूहे के काटने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने यात्री को 25 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश रेलवे को दिया है। साथ ही उपभोक्ता फोरम ने यात्री को बतौर मेडिकल खर्च 2000 रुपये देने को कहा है। यह रकम रेलवे को 3 महीने के अंदर मुआवजे के रूप मे यात्री को देनी होगी। अगर रेलवे प्रशासन की ओर से इस समय के अंदर मुआवजा नहीं दिया गया तो नौ फीसद ब्याज का भा भुगतान करना होगा।
एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मामला 8 अगस्त 2014 का है। चेन्नई यात्रा के दौरान यात्री वेंकटचलम को ट्रेन में चूहे ने काट लिया था। शिकायत में उन्होंने कहा था कि वह इस बारे में टीटी को बताए मगर जख्म दिखाने के बाद भी टीटी ने प्राथमिक चिकित्सा तक की व्यवस्था नहीं की। अंत में वह चेन्नई के एग्मोर स्टेशन पर उतर गए और शिकायत दर्ज कराई। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष आरवी दीनदयालन तथा सदस्य एस राजलक्ष्मी ने यात्री के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रेलवे पर यह जुर्माना लगाया।
इससे पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
रेलवे को चूहे की वजह से इससे पहले कई बार शर्मसार होना पड़ा है। जनवरी 2016 में हटिया हावड़ा एक्सप्रेस के एसी1 में यात्री को चूहे के काटने के बाद उसने रेलवे पर 10 लाख रुपये का जुर्माना ठोका था। रांची के जिला उपभोक्ता फोरम ने रेलवे पर एक लाख का जुर्माना लगाया था।
एक अन्य मामले में लोकप्रिय मराठी अभिनेत्री निवेदिता सराफ ने बताया था कि उनका बैग ट्रेन में सफर करते समय चूहों ने कुतर दिया। इस मामले की शिकायत 27 सितंबर 2016 को रेलवे प्रशासन से की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रश्न उठाया था कि क्या होता अगर चूहा मेरे चेहरे या फिर मेरे बालों को काट लेता? अभिनेत्री जबकि प्रथम श्रेणी में यात्रा कर रही थीं।
लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर चूहों के आतंक से परेशान होकर रेलवे ने 2016 में ही एक प्राइवेट कंपनी को 4.76 लाख रुपये की सुपारी दी थी।
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