जेएनयू में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू, पहली बार एनटीए आयोजित करेगी ऑनलाइन परीक्षा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में दाखिले के लिए छात्र 15 मार्च से आवेदन कर सकते हैं। स्नातक, परास्नातक और एमफिल-पीएचडी जैसे सभी प्रोग्राम के लिए 15 अप्रैल तक आवेदन किया जा सकता है। परीक्षाएं 27 मई से 30 मई 2019 तक आयोजित होंगे। इस बार नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) इस परीक्षा को आयोजित कर रही है।
जेएनयू में इस बार पिछले साल से कुछ अलग हो रहा है, दिसंबर की बजाय मई में प्रवेश परीक्षाएं आयोजित होने जा रही हैं। कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन प्रवेश परीक्षाएं होगी। सारे सवाल ऑब्जेक्टिव होंगे। आवेदन 15 अप्रैल तक किए जा सकेंगे। इस साल कुल 3383 सीटों पर दाखिले होंगे। इसमें 1043 सीटें एमफिल और पीएचडी के लिए शामिल हैं। जेएनयू प्रवेश परीक्षा देश के 127 शहरों में आयोजित की जाएगी। पिछले वर्ष के मुकाबले यह संख्या 2.5 गुना ज्यादा है।
जेएनयू के निदेशक (दाखिला) का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा होने से यह पूरी तरह से पारदर्शी होगा। कंप्यूटर पर आधारित एग्जाम के लिए कोई खास जानकारी या तकनीकी जानकारी की जरूरत नहीं पड़ेगी। एनटीए एग्जाम के बाद सही जवाब अपलोड करेगा, ताकि छात्र अपने जवाब मिला सकें। एनटीए छात्र की मदद के लिए टेस्ट प्रैक्टिस सेंटर भी बनाएगा, जहां छात्र जाकर प्रैक्टिस कर सकेंगे।
छात्रों को 17 अप्रैल से 19 अप्रैल तक फॉर्म में सुधार करने का मौका मिलेगा। 22 अप्रैल से प्रवेश पत्र एनटीए की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकेंगे।
प्रवेश परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी पर जेएनएसयू का प्रदर्शन
खबर है कि वाट्सएप ग्रुप पर कथित प्रॉस्पेक्टस लीक हो गया है। जेएनएसयू (छात्रसंघ) प्रवेश परीक्षा शुल्क (प्रॉस्पेक्टस) में 300 फीसद फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहा है। साथ ही स्कूल ऑफ लैंग्वेज से बीए (लेटरल प्रवेश) में प्रवेश बंद होने की छात्रसंघ की ओर से विरोध जताया जा रहा है। जेएनयू में इस साल से एमफिल-पीएचडी (इंटीग्रेटेड) प्रोग्राम को भी खत्म कर दिया गया है। इस तरह से जेएनयू के कुलपति के विश्वविद्यालय में छात्र विरोधी नीतियों को लेकर कई दिनों से छात्र कुलपति को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं। छात्रसंघ को किसी भी बैठक में बुलाकर राय भी नहीं मांगी गई चाहे वो स्टैंडिंग कमेटी की दाखिले को लेकर बैठक हो या फिर एकैडमिक काउंसिल की। छात्रसंघ का कहना है कि कुलपति को एंटी स्टूडेंट्स प्रॉस्पेक्टस को तुरंत वापिस ले लेना चाहिए। अन्यथा इसके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा।
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