दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए 15 मई से आवेदन प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए अलग से ओपन डेज सत्र 21 मई से चल रहा था जोकि आज समाप्त हो गया। इसमें छात्रों को अपने सवालों का जवाब डीयू प्रशासन की ओर से लगातार दिया जा रहा था। सीबीएसई 12वीं के परीक्षा परिणाम आने के बाद ओपन डेज सत्र में छात्रों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा बहुत अधिक रही। बाकी दिनों की तरह आज भी डीयू स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले से जुड़ी समस्याओं के समाधान को पाने के लिए छात्र अपने कुछ अहम सवालों के साथ कला संकाय के पास कांफ्रेंस हॉल पहुंचे थे।
छात्रों और अभिभावकों ने डीयू के डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफ़ेयर के डॉ जीएस टुटेजा से जमकर सवाल पूछे। इसी क्रम में एक छात्र की ओर से यह सवाल किया गया कि 12 वीं के परीक्षा परिणाम आने से पहले ही आवेदन कर दिया था। फीस भी जमा कर दी थी परीक्षा परिणाम आने के बाद आवेदन फार्म में परीक्षा परिणाम कैसे अपडेट करूं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि परीक्षा परिणाम अपलोड करने के लिए पोर्टल में अलग से टैब खुला है। अनुसुचित जाति, अनुसचित जनजाति प्रमाणपत्र को जरूरी मान्य बताते हुए सत्र में बताया गया कि यदि प्रमाणपत्र 31 मार्च 2017 से पहले की है तो वह मान्य नहीं होगा और दाखिले के डॉक्यूमेंट जमा करते वक़्त जाति प्रमाणपत्र के बिना दाखिल नहीं होगा।
बेस्ट फोर के अंक ध्यान से जोड़ें
दाखिले से संबंधित सवालों का जवाब देते हुए डॉ. अमृता बजाज ने बताया पिछले साल जुलाई 2017 से डीयू में 5 साल के लिए पत्रकारिता के प्रोफेशनल कोर्स की शुरुआत की गई है, जोकि 5 साल का कोर्स है। यदि कोई बच्चा 3 साल में इस कोर्स को छोड़ कर जाना चाहे तो उसे बीए पत्रकारिता की डिग्री दे दी जाएगी।
कुछ कॉलेज में लड़कियों के लिए 1 फीसद की छूट दी गई है। यदि किसी ने 8वीं में पंजाबी पढ़ी है तो बीए प्रोग्राम में दाखिले लेते समय उसे 10 फीसद की छूट दी जाएगी।
डॉ.टुटेजा ने छात्रों से बेस्ट फोर के अंक जोड़ने पर खास ख्याल देते हुए कहा कि बेस्ट फोर अंको को सही से जोड़ें यदि जोड़ में गलती हुई तो आप दाखिले के लिए चूक जाएंगे।
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