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हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि मैं मूलरूप से लेखक हूं राजनेता नहीं

युवा आज संस्था में पढ़ तो रहे हैं लेकिन उनमें संस्कार की कमी आज देखी जा सकती है। भारत में शिक्षा की दिशा में सरकार की नीतियों में एक चीज जोड़ने की जरूरत है वो है नैतिक शिक्षा। इंटरनेट सूचना दे सकता है, लेकिन संस्कार नहीं दे सकता है। युवा पीढ़ियों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे मनुष्य बनोगे तो सारी परेशानी दूर हो जाएगी। जब आत्महत्या जैसी खबरें परीक्षा में असफल होने की वजह से मैं सुनता हूं तो मुझे दुख होता है। मैं चाहता हूं कि छात्र यह समझें कि भगत सिंह किस प्रकार से देश की आजादी की लड़ाई के समय हंसते हुए फांसी के फंदे पर लटक कर शहीद हुए थे। उनकी कुर्बानी और हिम्मत के आगे अन्य परेशानियां बहुत बौनी साबित होती हैं। अगर आप अच्छे देशभक्त नागरिक बनेंगे तो देश आगे जाएगा। ये बातें हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता शांता कुमार ने डीयू के कालिंदी कॉलेज में एलुमिनाई कार्यक्रम में उपस्थित बतौर मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि अगर कमी है तो अच्छे लोगों की। किसी ने कहा है कि बड़ा होना अच्छी बात है लेकिन, अच्छा होना उससे भी अच्छी बात है। युवा पीढ़ी में इसकी कमी देखी जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि किसी ने कहा है कि प्रश्न नहीं है कि किस दुनिया में कितना कौन बड़ा है प्रश्न यही है कि किस समीर पर कैसे कौन खड़ा है। शिक्षा का आदर्श होना जरूरी है। आगे उन्होंने कहा कि मैं ऐसी ही जगह पर जाना भी पसंद करता हूं जहां युवा पीढ़ियों से संवाद करने का मौका मिले। युवा पीढ़ी को संभालने की जरूरत है। पंजाब में ड्रग और मोबाइल का नशा है। इस तनाव से दूर होना जरूरी है। मैं मूल रूप से लेखक हूं राजनेता नहीं। मैं राजनेता नहीं बनना चाहता। मुझे बहुत खुशी होती है जब गैरराजनीतिक शिक्षा जगत के साहित्य से जुड़े कार्यक्रमों में जाने का मौका मिलता है।

गौरतलब हो कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज में रविवार को एलुमनाई मीट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्या डॉ अनुला मौर्या ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और लोक सभा के सदस्य शांता कुमार और विशेष अतिथियों के रूप में शैक्षणिक स्टाफ से सेवानिवृत इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के डॉ एसआर मिश्र, गैर शैक्षणिक स्टाफ के जूलॉजी डिपार्टमेंट से जीएस शर्मा और 1967-70 बैच की एलुमनाई सरिता सागर का स्वागत किया। अनुला ने फोरम4 से विशेष बातचीत में बताया कि मायावती और कृष्षा तीरथ जैसी राजनेता इसी कॉलेज की एलुमिनाई है। हम कोशिश करेंगे कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्षा मायावती जरूर इस कॉलेम में आएं।

कार्यक्रम में कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष दीपक मारवाह ने कॉलेज की सभी पूर्व छात्राओं का स्वागत किया। इस अवसर पर कॉलेज की पूर्व प्राचार्या डॉ मालती और डॉ कपिल निर्मल भी मौजूद थीं। कॉलेज की प्राचार्या डॉ अनुला मौर्या ने पूर्व छात्राओं को संबोधित करते हुए उनको कॉलेज की उपलब्धियों से अवगत कराया और कॉलेज से जुड़े रहने की अपील की जिससे कॉलेज नई उचाइयों को छू सके। इस अवसर पर कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया और कॉलेज की पूर्व छात्राओं ने भी अपनी प्रतिभा का मंचन किया। इस के साथ ही एलुमनाई एसोसिएशन के पदाधिकारियों की ओर से कई मनोरंजक खेलों का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का समापन कॉलेज बैंड की मनमोहक प्रस्तुति के साथ हुआ। अंत में कार्यक्रम की सयोंजिका नीलम बरेजा और सह सयोंजिका श्वेता राज ने सभी को कार्यक्रम के सफल आयोजन पर

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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