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वीडियोः सुनामी, भूकंप और बाढ़ के कहर के बाद यह भी जानिए

तस्वीरः गूगल साभार

-साहित्य मौर्या

प्रकृति समय-समय पर हमेशा चेतावनी देती रही है। दुनिया के कई भागों में बाढ़, भूकम्प और सुनामी संभवत बार-बार बड़े पैमाने पर आती रही हैं और विनाशकारी साबित होती रही हैं। मूलतः यह विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक या मानवजनित आपदाएं होती हैं। ऐसे आपदाओं में हज़ारों लोगों की जिंदगी खत्म हो जाती है। वहीं, सैकड़ों-हज़ारों लोग बेघर हो जाते हैं।

 

इंडोनेशिया में आई 7.5 तीव्रता की भूकम्प के बाद 1.7 मीटर ऊंची सुनामी लहरों में लगभग 900 लोग जिंदगी गवां चुके हैं। हज़ारों संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। अमेरिका में पिछले सप्ताह आयी फ़्लोरेंस चक्रवात बीते तीन दशक का सबसे बड़ा चक्रवात था। तक़रीबन 650 व्यक्तियों से अधिक लोग इस चक्रवात से अभी भी लापता हैं।

ज्वालामुखी का कहर

इंडोनेशिया के भूकंप एवं सुनामी प्रभावित सुलावेसी द्वीप पर स्थित माउंट सोपुतान ज्वालामुखी बुधवार को फट गया। इसके बाद इससे निकले लावा का गुबार हवा में 4,000 मीटर तक फैल गया। राज्य आपदा एजेंसी ने लोगों से ज्वालामुखी से कम से कम चार किलोमीटर दूर रहने को कहा है। सोपुतान ज्वालामुखी पालु शहर से करीब 1,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पालु में 7.5 तीव्रता वाले भूकंप के कारण सुनामी आ गयी थी, जिसमें कम से कम 1,400 लोग मारे गये। ट्विटर पर ज्वालामुखी का वीडियो काफी वायरल हो रहा है।

देखें वीडियो 

भारत के दक्षिण राज्य केरल में आई भीषण बाढ़ में तक़रीबन 324 लोगों की मृत्यु के अलावा भारी मात्रा में जान-माल का नुक़सान हुआ। हाल ही में जापान के पश्चिमी हिस्से में चक्रवात भी एक आपदा का उदाहरण रहा है। ऐसे कई देश हैं जो हमेशा प्राकृतिक और मानवसृजित आपदाओं का सामना करते रहे हैं।

बहरहाल आपदा प्राकृतिक हों या मानवजनित इन सब से आपदाग्रस्त देश के संचार तंत्र और व्यवस्था पर सवाल उठना लाज़मी है। अमेरिका की नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) का कहना था की केरल में बाँध से पानी छोड़ा गया, जिसकी वजह से केरल को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा।

इंडोनेशिया में भूकम्प के बाद सुनामी के ख़तरे से बचा जा सकता था, अगर समय से पहले वहां की राष्ट्रीय आपदा सूचना एजेंसी ने अज्ञात किया होता। सरकार ने ख़ुद स्वीकार किया है कि सुनामी के लिए लगाए गए उपकरण सुचारु रूप से कार्य नहीं कर रहे थे। इसकी वजह से सटीक सूचना नहीं मिल पाई। ख़राब व्यवस्था और आपदा के शिकार अमेरिका, जापान, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया जैसे और भी देश हैं, जिन्हें ऐसे आपदाओं और चक्रवात का सामना लगातार करना पड़ता है।

अध्ययन की है जरूरत

लिहाज़ा विश्व के सभी देशों को बेहतर भौगोलिक स्थिति को समझने के लिए गहरे अध्ययन की ज़रूरत है। वैज्ञानिकों का सबसे अधिक इस विषय के तह में जाने की जरूरत है। आपदा जैसे त्रासदी से बचने के लिए मौसम सम्बंधी सभी मूलभूत परिस्तिथियों को सतही तौर पर अध्ययन करने कराने का काम देश की सरकार और उसकी रणनीति पर निर्भर करता है। मानवजनित आपदाओं का शिकार न हों इसके लिए भविष्य के अनूकूल कार्यवाहियों को अंजाम दिया जाना चाहिए। पर्यावरण ह्रास न करते हुए सतत विकास करने पर बल दिया जाना चाहिए। अगर अब भी सचेत नहीं हुए तो वो दिन दूर नहीं होगा जब पूरा विश्व आपदा के चपेट में होगा।

(लेखक के अपने निजी विचार हैं। इस लेख सामग्री से संबंधित किसी भी समस्या के लिए फोरम4 किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।)

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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