शायद ही कोई ऐसा हो जिसने बचपन में दशहरा के अवसर पर रावण का पुतला न बनाया हो। यही नहीं कई गांवों और मोहल्लों में तो बाकायदा सबसे ऊंचा पुतला बनाने की होड़ मची रहती है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा स्थित जोशीखोला मोहल्ले के रहने वाले दो भाई युवराज और यथार्थ जोशी ने भी बचपन में हर दशहरा पर रावण का पुतला बनाया, जिसकी तारीफ पूरे इलाके में होती थी। दिलचस्प यह है कि दोनों भाइयों ने अपने इस हुनर को मरने नहीं दिया और आज इसकी बदौलत विश्व रिकॉर्ड कायम किया है।
दरअसल, दोनों भाइयों ने रद्दी और गोंद से विश्व की सबसे ऊंची चार पेपर मैशे प्रतिमाएं बनाई हैं, जोकि महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की हैं। इन चारों प्रतिमाओं की ऊंचाई 4.2 मीटर, चौड़ाई 4.2 मीटर और गोलाई 2.2 मीटर है, जबकि इससे पहले 3.81 मीटर ऊंची पेपर मैशे प्रतिमा मेक्सिको में बनाई गई थी। उल्लेखनीय है कि इसके लिए दोनों भाइयों का नाम अगस्त तक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा।
महज 33 दिनों में बनाईं ये प्रतिमाएं
बड़े भाई युवराज का दावा है कि हमने रोजाना 15 घंटे तक काम किया। तब जाकर ये चारों प्रतिमाएं 33 दिनों में बन सकीं। इन्हें बनाने में 750 किलो रिसाइकल्ड पेपर और 85 लीटर गोंद का इस्तेमाल किया गया, जिसपर 30 हजार रुपये की लागत आई। वहीं, मेक्सिको में बनी प्रतिमा के निर्माण में ही 700 लीटर गोंद प्रयोग में आया था, जिसपर 1.50 लाख रुपये का खर्च आया। बकौल युवराज, रद्दी के अलावा इन प्रतिमाओं को बनाने में किसी भी धातु, तार, लकड़ी या अन्य वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया गया।
संस्थान ने हर कदम पर दिया साथ
युवराज और यथार्थ ने इस वर्ष देहरादून स्थित ग्राफिक एरा संस्थान से बीटेक पास किया है। दोनों ने आठवें और अंतिम सेमेस्टर के प्रोजेक्ट वर्क के लिए पेपर मैशे प्रतिमा बनाने की चुनौती मोल ली, जिसकी सफलता के लिए संस्थान ने इनकी हरसंभव मदद की। मसलन, संस्थान स्थित रिसाइकलिंग प्लांट से इन्हें रिसाइकल्ड पेपर मुहैया कराया गया और हर समय इनकी मदद के लिए संस्थान के एचओडी फिजिक्स डॉ. विजय कुमार मौजूद रहे।
पढ़ाई से लेकर खेल तक में हैं अव्वल
युवराज बताते हैं कि हम दोनों अपने-अपने डिपॉर्टमेंट के टॉपर्स में शामिल रहे हैं, इसीलिए संस्थान ने हमको एमटेक और पीएचडी करने के लिए स्पांसर की है। पढ़ाई के अलावा दोनों ने खेल में भी नाम किया है। युवराज अंडर-14 टेबल टेनिस में ऑल इंडिया चैंपियन रह चुके हैं, जबकि छोटे भाई यथार्थ अंडर-12 ताइक्वांडो में ऑल इंडिया चैंपियन रह चुके हैं। साथ ही यथार्थ की डांस और सिंगिंग में भी गहरी रुचि है। इधर, यथार्थ बताते हैं कि हम दोनों पर्यावरण को लेकर भी सजग हैं। हमारा मानना है कि प्रकृति के साथ मानवीय हस्तक्षेप कम से कम होना चाहिए। नहीं तो एक दिन यह धरती पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगी, जहां सांस लेने के लिए जहरीली हवा बची होगी।
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