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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान जारी, देवगौड़ा-हेमा मालिनी जैसे कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

तस्वीर- गूगल साभार

95 सीटों पर हो रहा है मतदान

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज (18 अप्रैल) को देश की 95 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है। इस चरण में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, मशहूर अभिनेत्री हेमा मालिनी, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सहित कई बड़े नेता चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। दूसरे चरण के मतदान के लिए 19 मार्च को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार 13 राज्यों की 97 सीटों पर मतदान होना था, लेकिन हाल ही में आयोग की ओर से पूर्वी त्रिपुरा और तमिलनाडु की वेल्लोर सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया है।

हेमा मालिनी के संसदीय क्षेत्र का हाल देखिए-

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बता दें कि 95 सीटों में 52 सीटें तमिलनाडु और कर्नाटक की हैं। दिल्ली से नजदीकी देखी जाए तो पश्चिमी यूपी की आठ सीटों पर वोटिंग है। इनमें अलीगढ़, बुलंदशहर, मथुरा और आगरा भी हैं। दूसरा फेज पूरा होने के बाद 186 सीटों पर चुनाव हो चुके होंगे। बाकी जगहों पर बचे 5 चरणों में वोटिंग है। मतदान की अगली तारीख 23 अप्रैल है।

जम्मू कश्मीर: 2 सीटें – श्रीनगर और उधमपुर

जम्मू का उधमपुर सीट बीजेपी के दबदबे वाली है। यहां से केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह इस बार फिर से मैदान में हैं जबकि श्रीनगर सीट अब्दुल्ला परिवार की कही जाती है। हालांकि 2014 में पीडीपी जीत गई। लेकिन बाद के उपचुनाव में फारुख अब्दुल्ला फिर जीते। इस बार दिलचस्प यह है कि बीजेपी ने यहां से घाटी के बड़े चेहरे खालिद जहांगीर को उतारा है।

उत्तर प्रदेश: 8 सीटें – नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहफुर सीकरी

उत्तर प्रदेश की ये सभी सीटें बीजेपी के पास हैं। इस बार दो सीटों को छोड़कर बाकी पर माया बनाम मोदी हैं। हाथरस से एसपी और मथुरा से आरएलडी लड़ रही हैं। ज्यादातर सीटें दलित-मुस्लिम बहुल हैं। 8 में से 4 तो एससी के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में गठबंधन के जातीय तिलिस्म को तोड़ना बीजेपी के लिए काफी मुश्किल होगा। हालांकि सुरक्षित सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन एसपी और बीएसपी के मुकाबले बेहतर रहता है। वजह है कि रिजल्ट गैर-दलित वोट तय करते हैं। इस चरण में हेमा मालिनी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और बीएसपी में आए दानिश अली जैसे चेहरों के इम्तिहान हैं।

दूसरे चरण में कहां कितनी सीटों पर मतदान

-तमिलनाडु की सभी 39 में से 38 लोकसभा सीटों के साथ राज्य की 18 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान जारी है।

-बिहार की 40 में से पांच

-जम्मू कश्मीर की छह में से दो

-उत्तर प्रदेश की 80 में से आठ

-कर्नाटक की 28 में से 14

– महाराष्ट्र की 48 में से 10

-पश्चिम बंगाल की 42 में से तीन सीटों पर मतदान जारी है।

-इस चरण में असम और ओडिशा की पांच पांच सीटों पर भी मतदान हो रहा है।

कब होंगे मतदान

दूसरे चरण के सभी सीटों पर सुबह सात बजे से शाम पांच से आठ बजे तक मतदान चलेगा जबकि छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित कुछ सीटों पर सुबह सात बजे से दिन में तीन बजे तक और ओडिशा की कुछ सीटों पर सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा। जबकि जम्मू कश्मीर की दो सीटों सहित उत्तर प्रदेश एवं बिहार सहित अन्य राज्यों की सभी सीटों पर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा। सिर्फ तमिलनाडु की मदुरै सीट पर सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक मतदान चलेगा। इसमें चुनाव वाली 95 सीटों पर 15.8 करोड़ मतदाता कुल 1635 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।

बिहार: 5 सीटें – किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर, बंका

बिहार में पांचों सीटों पर एनडीए की ओर से जेडीयू लड़ रही है। जबकि गठबंधन की ओर से 3 पर कांग्रेस और 2 सीटों पर आरजेडी है। 2014 के चुनाव में चार सीटें गठबंधन के खाते में गई थीं और पूर्णिया से जेडीयू जीती थी। अगर सामाजिक समीकरण की बात करें तो इनमें से अधिकतर सीटें मुस्लिम बहुल वाले इलाके में है।

यहां से बांका सीट पर जेडीयू को बीजेपी के बागी उम्मीदवार का भी सामना करना पड़ रहा है तो किशनंगज में कांग्रेस की जेडीयू के अलावा ओवैसी की पार्टी से कड़ा मुकाबला है। पूर्णिया में इस बार कांग्रेस से उम्मीदवार उदय सिंह हैं, जो 2014 में बीजेपी के उम्मीदवार थे।

पश्चिम बंगाल: 3 सीटें – जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग और रायगंज

टीएमसी दो सीटों (दार्जिलिंग और रायगंज) पर हमेशा हारी है। दार्जिलिंग में बीजेपी, रायगंज में काग्रेस मजबूत है। जलपाईगुड़ी टीएमसी की पकड़ में है।

पुड्डुचेरी: एक सीट-पुड्डुचेरी

मणिपुर: एक सीट – आंतरिक मणिपुर

महाराष्ट्र: 10 सीटें – बुलढाणा, अकोला, अमरावती, हिंगोली, नांदेड़, परभणी, बीड, उस्मानाबाद, लातूर और सोलापुर

इन सीटों पर अलग-अलग समीकरण हैं। बुलढाणा से शिवसेना को लगातार तीसरी बार जीत की आस है। अमरावती में भी 25 साल से शिवसेना काबिज है। अकोला में तीन बार जीत चुके संजय धोत्रे को बीजेपी ने फिर उतारा है। सोलापुर कांग्रेस के बड़े नेता सुशील कुमार शिंदे का गृह क्षेत्र है। हालांकि पिछली बार वह मोदी लहर में हार गए थे। लातूर सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। लेकिन बीजेपी ने भी जोर लगाया है। कुछ जगह बीएसपी भी लड़ रही है। अब समय बताएगा कि कौन कहां से जीतेगा।

कर्नाटक: 14 सीटें- उदीपी चिकमगलुर, हसन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, टुकमुर, मांडया, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु नॉर्थ, बेंगलुरु सेंट्रल, बेंगलुरु साउथ, चिक्काबल्लापुर, कोलार

कर्नाटक में 6-6 सीटें बीजेपी और कांग्रेस के पास हैं। पर इस बार कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन है इसलिए बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल रही है। कांग्रेस 10 सीटों और जेडीएस 4 सीटों पर लड़ेगी। बीजेपी 13 सीटों पर लड़ रही है।

तमिलनाडु: 38 सीटें – तिरुवल्लुर, चेन्नै नॉर्थ, चेन्नै साउथ, चेन्नै सेंट्रल, श्रीपेरूम्बुदूर, कांचीपुरम, अराक्कोनम, कृष्णागिरी घर्मापुरी, तिरुवन्नामलाई, अरानी, बिलुपुरम, कल्लाकुरुची, सलेम, नामाक्कल, इरोड, तिरुप्पुर, नीलगिरि, कोयम्बटूर, पोल्लाची, डिंडीगुल, करूर, तिरूचिरापल्ली, पेरंबलूर, कुड्डालोर,चिदंबरम, मइलादुथुरई, नागापट्टिनम, थन्जावुर, शिवगंगा, मदुरई, थेनी, विरुधुनगर, रामानाथपुरम, थूथुक्कुडी, टेनकासी, तिरूनेलबेली, कन्याकुमारी

यहां एक सीट छोड़ बाकी सभी पर वोटिंग है। मुकाबला एआईडीएमके और डीएमके के बीच ही है। बीजेपी एआईडीएमके और कांग्रेस डीएमके के साथ है। करुणानिधि और जयललिता के बगैर यह पहला चुनाव है। बीजेपी और कांग्रेस का कुछ दांव पर नहीं है। दोनों क्षेत्रीय दलों के कंधों पर सवार हैं। इनकी जीत-हार केंद्र में सत्ता का समीकरण बना-बिगाड़ सकती है। 2014 में देखा जाए तो एआईडीएमके 37 सीटें जीती थी।

छत्तीसगढ़: 3 सीटें – राजनांदगांव, महासमुन्द, कॉकेर

2014 में ये सभी सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं। इन सीटों को देखा जाए तो पता चलेगा कि ये नक्सल प्रभावित इलाके में हैं। इसी वजह से यहां वोटिंग में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। पिछले साल दिसंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत मिलने के बाद कांग्रेस के हौसले यहां से बुलंद हैं। बीजेपी मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर वोट मांग रही है। कांग्रेस किसानों के मुद्दे और न्याय योजना पर वोट मांग रही है।

ओडिशा: 5 सीटें – (विधानसभा चुनाव भी) – बारगढ़, सुंदरगढ़, बोलंगीर, कंधमाल, अस्का

पांच सीटों पर बीजेडी और बीजेपी की सीधी लड़ाई है। शहरों में बीजेपी और गांवों में बीजेडी मजबूत दिख रही है। हालांकि कांग्रेस और लेफ्ट चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में हैं। विधानसभा चुनाव के लिए भी यहां वोटिंग होगी।

असम: 5 सीटें – करीमगंज, सिल्चर, स्वशासी जिले, मंगलदाई, नागाओं

2014 में कांग्रेस सिल्चर और स्वशासी जीती थी। AIUDF ने करीमगंज और बीजेपी ने मंगलदाई व नागाओं सीट जीती थी। इस बार सारी सीटों पर कड़ी टक्कर है। बीजेपी ने एक सीट पर उम्मीदवार भी बदला है। प्रियंका गांधी ने सिल्चर में रोड शो भी किया था। बीजेपी की ओर से मोदी और शाह समेत कई बड़े नेता प्रचार कर चुके हैं। पांचों सीटों पर अल्पसंख्यकों के अलावा चाय बागान में काम करने वाले मजदूर और इससे जुड़े लोग निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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