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डीयू: नॉन कॉलेजिएट छात्राओं के लिए अब अलग से प्रवेश प्रक्रिया नहीं

credit: google

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने नॉन कॉलिजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्लूईबी) के लिए प्रवेश प्रक्रिया को इस बार रेगुलर पाठ्यक्रम के साथ करने का फैसला किया है। इस बार प्रवेश लेने के लिए दोनों के कटऑफ भी साथ निकलेंगे। । इस बार जो भी छात्रा डीयू के लिए रजिस्टर करेगी, वो स्वतः ही नॉन कॉलिजिएट के लिए भी रजिस्टर हो जाएगी। ज्यादा से ज्यादा छात्राओं को खींचने के लिए ऐसा करने का फैसला लिया गया है। यह बोर्ड दिल्ली की छात्राओं को बीए और बीकॉम प्रोग्राम में कम कटऑफ में प्रवेश का मौका देता है।

क्या है एनसीडब्लूईबी

एनसीडब्लूईबी की स्थापना 1943 में हुई। यह उन छात्राओं के प्रवेश को ध्यान में रख कर बनाया गया जो रेगुलर पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश लेने से वंचित रह जाती हैं। यह डीयू के कॉलेजों की आधारभूत संरचनाओं और अकादमी की सारी सुविधाओं का लाभ उठाते हुए रविवार के दिन और अन्य छुट्टियों के समय छात्राओं के लिए अलग से कक्षाएं आयोजित कराता है। इसमें अब तक करीब 26000 छात्राएं स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए पंजीकृत हैं। इसके अलावा एनसीडब्लूईबी अपने छात्राओं के लिए अलग से स्किल डवलपमेंट के पाठ्यक्रम की कक्षाएं आयोजित कराकर रोजगार के लिए अवसर प्रदान करने में मदद करता है।

अब तक दिल्ली में 26 केंद्र

इस बोर्ड के प्रभाव और लोकप्रियता का अंदाजा केवल इसी से लगाया जा सकता कि इसमें प्रवेश लेने वाले छात्राओं के परिणाम ही केवल बहुत अच्छे नहीं हैं, बल्कि एक बात और यह है कि इसमें प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या हर साल बढ़ रही है और एनसीटी (दिल्ली) में अब इसके करीब 26 केंद्र बन चुके हैं ।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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