SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

डीयू में एमफिल/पीएचडी दाखिले के लिए अधिसूचना जारी, आरक्षित वर्ग के छात्रों को 5 फीसद अंकों की मिलेगी छूट

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में एक माह से रुके हुए एमफिल, पीएचडी के दाखिले के लिए विभागों को हरी झंडी दे दी गई है। डीयू से संबद्ध 51 विभागों में 157 पाठ्यक्रमों में होने वाले एमफिल/पीएचडी दाखिला में एससी, एसटी, ओबीसी व विकलांग उम्मीदवारों को 5 फीसद अंकों की छूट दे दी गई है। साथ ही उम्मीदवारों के न मिलने पर 5 फीसद से कम करने का अधिकार विभाग शोध समिति को दिया गया है। इसके लिए शोध समिति की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब डीयू के विभाग यूजीसी के नियमानुसार छूट के आधार पर शोध कार्य करने वाले छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं।

डीयू विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि इससे पहले एमफिल/पीएचडी में एससी, एसटी, ओबीसी व विकलांग कोटे के उम्मीदवारों को केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई थी, जिसे लेकर छात्रों ने परिसर में धरना प्रदर्शन किया। आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों के असंतोष को देखते हुए सभी विभागों को एमफिल/पीएचडी के साक्षात्कार की प्रक्रिया को रोकना पड़ा। यूजीसी, एमएचआरडी और डीयू के कुलपति को दाखिले में छूट की मांग को लेकर पत्र लिखा गया उसके बाद कुलपति ने एक कमेटी गठित की थी। कमेटी में पीवीसी प्रो. जेएम खुराना, कुलसचिव डॉ. तरुण दास, एडमिशन कमेटी के चेयरमैन प्रो एमके पंडित, डूटा अध्यक्ष, विद्वत परिषद सदस्य प्रो.हंसराज सुमन व डूटा के एक सदस्य को रखा गया था।

समिति ने बैठक में तय किया कि यूजीसी पहले से एमफिल, पीएचडी में दाखिला के समय  5 फीसद अंकों की छूट देता रहा है उसी नियम के तहत डीयू अपने विभागों में छूट देकर दाखिला करता आय़ा है लेकिन, 2016 के नए नियमन में यह छूट समाप्त कर देने के बाद से एससी, एसटी, ओबीसी व विकलांग छात्रों के सामने दिक्कतें आईं। प्रो. सुमन का कहना था कि जब पूर्व में 5 फीसद अंकों की छूट देकर एमफिल, पीएचडी में दाखिला दिया जाता रहा है तो ऐसी स्थिति में उन्हें रोकना ठीक नहीं। मैंने उन्हें यूजीसी नियमों का हवाला व पत्र दिखाया जिसमें 5 फीसद अंकों का छूट दिए जाने का प्रावधान था। मेरी बात का डूटा अध्यक्ष व पीवीसी व दाखिला कमेटी के चेयरमैन ने समर्थन किया। इस बीच यूजीसी से सर्कुलर भी आ गया, उसके बाद डीयू ने भी एमफिल/पीएचडी दाखिले के लिए अधिसूचना जारी कर दी।

प्रो. हंसराज सुमन ने आगे बताया है कि रिसर्च कांउन्सिल की चेयरपर्सन प्रो. पम्मी दुआ ने जारी अधिसूचना के अंतर्गत निर्देश जारी किए हैं इसमें यूजीसी के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार एमफिल/पीएचडी डिग्री अवार्ड के लिए न्यूनतम योग्यता संबंधी पहला अध्यादेश रेगुलेशन 27 अगस्त 2018 के अनुसार सक्षम अधिकारी ने इन शर्तों को मान्यता दी है। विभागों को भेजी गई सूचना इस प्रकार है-

एससी, एसटी, ओबीसी (नॉन क्रीमी लेयर) विकलांगों के लिए 5 फीसद की छूट यूजीसी द्वारा किसी भी परीक्षा में दी जायेगी अर्थात 50 फीसद की जगह 45 फीसद  अंक पर साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि इन छूटों के बावजूद यदि एससी, एसटी, ओबीसी व विकलांग उम्मीदवार उपलब्ध नहीं है तो संबंधित संस्थान इससे संबंधित अधिकतम नियुक्तियां/प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा आयोजित कराकर अन्य नीतियों की खोज करेगा। यह सूचना क्लॉज सी अध्यादेशiv, 9 अगस्त 2017 के अनुसार है।

एमफिल/पीएचडी में सभी श्रेणियों के प्रवेश हेतु आयोजित किए गए साक्षात्कार के दौरान उम्मीदवारों के नाम प्रकाशित नहीं किए जाएंगे, जब तक मेरिट के आधार पर किसी सदस्य को चुन नहीं लिया जाता और भारत सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार उम्मीदवारों के नाम तभी प्रकाशित करेगा जब उन्हें सीट आवंटित हो जाएगी। यह प्रक्रिया क्लॉज डी अध्यादेशiv-9 अगस्त 2017 के सम्मिलित में माना जाना चाहिए।

प्रो सुमन का कहना है कि डीयू की इस सूचना के बाद पिछले एक महीने से एमफिल, पीएचडी में दाखिला की ठप पड़ी योजना में तीव्रता आएगी और जल्द ही दाखिला की प्रक्रिया शुरू होगी।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "डीयू में एमफिल/पीएचडी दाखिले के लिए अधिसूचना जारी, आरक्षित वर्ग के छात्रों को 5 फीसद अंकों की मिलेगी छूट"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*