दिल्ली के सभी भागों में शिक्षकों की ओर से तमाम समस्याओं को लेकर पदयात्रा शुरू होने जा रही है। यह पदयात्रा दीपावली के बाद शुरू होगी जो हफ्ते भर चलेगी। यह पदयात्रा दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से सम्बद्ध कॉलेजों में लंबे समय से चली आ रही एडहॉकइज्म की प्रथा को समाप्त करने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने, शिक्षकों की पदोन्नति, स्टेपिंग अप, नियुक्ति और पदोन्नति के समय पास्ट सर्विस को जोड़ने और रोहिणी व द्वारका में स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग को लेकर शुरू की जाएगी। पदयात्रा के अंत में मानव विकास मंत्री, यूजीसी और विश्वविद्यालय के कुलपति को मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
डीयू विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज ‘सुमन’ व डूटा के सचिव डॉ. विवेक चौधरी धनखड़ इस पदयात्रा का नेतृत्व करेंगे। इसमें स्वतंत्र विचारधारा रखने वाले शिक्षक समूहों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। पदयात्रा सभी कॉलेजों से गुजरते हुए जाएगी, जिसमें एडहॉक शिक्षकों को स्थायी करने को लेकर कॉलेज के सभी प्राचार्यों को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
शिक्षकों की कमी के बारे में बताया जाएगा
डॉ. धनखड़ ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पदयात्रा शुरू करने का उद्देश्य आम जनता और सरकार को यह बताना है कि डीयू में पिछले एक दशक से 50 से 60 फीसद शिक्षकों की कमी है। इन पर 4500 शिक्षक कॉलेजों में लंबे समय से एडहॉक के रूप में काम कर रहे हैं। कॉलेजों से हर महीने शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनके स्थान पर एडहॉक की जगह गेस्ट टीचर्स (अतिथि शिक्षक) लगाए जा रहे हैं।
अतिथि और एडहॉक भर्ती नहीं है विकल्प
प्रो. सुमन का कहना है कि एडहॉक शिक्षकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसी तरह से लगभग 2500 शिक्षक पदोन्नति के इंतजार में हैं। 10से 15 वर्षों से कोई पदोन्नति भी नहीं हुई है जिसके कारण एक-एक शिक्षक को हजारों रुपये की आर्थिक हानि हो रही है। डीयू प्रशासन द्वारा पदोन्नति की फाइलें मंगवाने के बाद बिना पदोन्नति उन्हें वापिस कॉलेजों को लौटा दी गई।
हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा
प्रो. सुमन व डॉ. धनखड़ ने यह भी बताया है कि पदयात्रा के दौरान, कॉलेजों से गुजरते हुए आने वाले कॉलेजों के एडहॉक शिक्षकों से हस्ताक्षर कराये जाएंगे उसके बाद एडहॉक टीचर्स का हस्ताक्षर युक्त एक मांग पत्र मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर को सौंपा जाएगा जिसमें मांग की जाएगी कि पिछले एक दशक से 4500 शिक्षक स्थायी होने का इंतजार कर रहे हैं वहीं लगभग 2500 शिक्षकों की पदोन्नति न होने से आर्थिक हानि के शिकार है।
पदयात्रा के अंत में सौंपा जाएगा ज्ञापन/मांग पत्र
प्रो. सुमन व डॉ. धनखड़ ने बताया है कि साप्ताहिक पदयात्रा की समाप्ति के पश्चात डीयू के विभागों और कॉलेजों में जल्द स्थायी नियुक्ति (परमानेंट अपॉइंटमेंट), पदोन्नति, नियुक्ति के समय पास्ट सर्विस काउंट करने, पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने व स्वास्थ्य केंद्र खोलने संबंधी एक ज्ञापन/मांग पत्र मानव संसाधन विकास मंत्री, यूजीसी चेयरमैन, विश्वविद्यालय के कुलपति को सौंपा जाएगा, जिसमें मांग रखी जायेगी कि स्थायी नियुक्ति व पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए। उनका कहना है कि स्थाय़ी नियुक्ति न होने के कारण ज्यादातर शिक्षकों में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है।
Be the first to comment on "स्थायी नियुक्ति को लेकर दिल्ली में 7 दिनों की पदयात्रा में भाग लेंगे डीयू के शिक्षक"