दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड, अरबिंदो कॉलेज सेंटर ने रविवार को डिग्री प्रोग्राम के तीन वर्ष पूरे होने पर बीए (प्रोग्राम)और बीकॉम (प्रोग्राम) की छात्राओं के लिए पहला विदाई समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर सेंटर की स्थापना के समय से जुड़े शिक्षकों को भी आमंत्रित किया गया था। इसमें 7 शिक्षकों को उनकी उपलब्धि और सक्रिय रचनात्मक कार्यों के लिए उन्हें वाग्देवी के स्मृति चिन्ह और उपहार स्वरूप वस्तुएं भेंट की गई। सम्मानित किए गए शिक्षकों में डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. नंदकिशोर मंडल, डॉ. रोशन लाल, डॉ. मधुश्मिता, डॉ. रेनू ,डॉ. गुनीत गिल व डॉ. राजीव कुमार आदि हैं।
सेंटर प्रभारी प्रो. हंसराज ‘सुमन’ ने विदाई समारोह में छात्राओं को बधाई और आशीर्वाद देते हुए कहा कि वे परीक्षा में अव्वल आएं। परिवार, राष्ट्र और अपने सेंटर का नाम रोशन करें। उन्होंने भारी समूह को संबोधित करते हुए कहा नॉन कॉलेजिएट सरकारी शिक्षा पद्धति की व्यवस्था में एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है, जहां केवल रविवार के दिन पढ़ाई होती है और शिक्षकों को 50 दिनों में अपना पाठ्यक्रम पूरा कराना पड़ता है। बावजूद इसके नॉन कॉलेजिएट की छात्राओं के परीक्षा परिणाम रेगुलर कॉलेजों से बेहतर आ रहे हैं।
यह सब कुशल नेतृत्व और हमारे योग्य, शिक्षकों की मेहनत का परिणाम है कि हम सभी सेंटर में अध्यापन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेलकूद,भाषण प्रतियोगिता, गीत संगीत, नृत्य ,कला साहित्य आदि के क्षेत्र में छात्राओं ने बेहतर प्रदर्शन कर सेंटर का नाम रोशन किया है।
प्रो. सुमन ने अपने संबोधन में आगे बताया कि डीयू में सर्वाधिक कम कट ऑफ पर प्रवेश देने वाले इस सेंटर ने सबसे बेहतर परीक्षा परिणाम दिए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ छात्राओं ने रेगुलर की छात्राओं से अधिक अंक हासिल करके केंद्र की मेरिट को प्रमाणित कर दिया है। ऐसे गुणवत्तापूर्ण सक्रिय शैक्षणिक संस्थान देश को शिक्षा व्यवस्था की आधार भूत सोच को जहां आगे बढ़ाते हैं वहीं इस ओर कमतर ध्यान दिए जाने वाले सरकारी तंत्र की लापरवाही और नासमझदारी की पोल भी खोलते हैं।
इस अवसर पर बीए प्रोग्राम और बीकॉम प्रोग्राम तृतीय वर्ष की छात्राओं ने विदाई समारोह में सेंटर प्रभारी प्रो. हंसराज ‘सुमन’ को सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह भेंट किया। छात्राओं का कहना था कि अरबिंदो कॉलेज उनका पसंदीदा सेंटर है उन्हें यहां घर से बाहर का असुरक्षाबोध नहीं लगा। तृतीय वर्ष बीए की छात्रा ने कहा कि सेंटर पर मुझे परिवार जैसा माहौल मिला है हमें पिता के रूप में हंसराज सर और माँ स्वरूप में शिक्षिकाएं मिलीं जिन्होंने, समय-समय पर प्यार से पढ़ाई न करने पर डांट लगाई। अपने विचार रखने आईं कई छात्राओं की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे, उन्हें लग रहा था जैसे वे अपने परिवार को छोड़कर जा रही हैं।
डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए अपनी बधाई औरआशीर्वाद देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा की पहली सीढ़ी आपने पार की जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगी मार्ग में रुकावटें आएंगीं उससे आपको घबराना नहीं है बल्कि रास्ते को पार करना है।
छात्राओं को सेंटर की ओर से सम्मानित भी किया गया। विदाई समारोह में 500 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। विदाई समारोह के पश्चात प्रथम, से तृतीय वर्ष की छात्राओं ने दो घंटे तक डीजे पर खूब थिरकीं। डीजे पर उन्होंने हरियाणवी, पंजाबी, बंगाली, बिहार लोकगीतों के अलावा स्वयं भी गाकर गमगीन माहौल को खुशनुमा बना दिया। डॉ. प्रवीण कुमार शुक्ला ने आए हुए अतिथियों और छात्राओं का अंत में धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में नॉन टीचिंग के रविन्द्र सिंह, संजय सिंघल व दीपक कुमार का विशेष सहयोग रहा।
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