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मजदूर दिवस पर डीयू से बेदखल किए गए सफाई कर्मचारियों की अधिकार रैली आज

मजदूर दिवस के दिन दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 150 सफाईकर्मियों का रोजगार छिन गया। इसी के विरोध में कर्मचारी सोमवार को अधिकार रैली करने जा रहे हैं। इस अधिकार रैली में सफाई कर्मचारियों के साथ छात्र भी शामिल होने जा रहे हैं। रैली कला संकाय के गेट पर शुरू की जाएगी। सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उनकी स्थायी नियुक्ति की जाए। साथ ही नए ठेके में पुराने सफाई कर्मियों की नियुक्ति हो। सुलभ इंटरनेशनल द्वारा सफाई कर्मियों का बकाया वेतन, ईपीएफ, ग्रैच्युटी और बोनस का पैसा पाने की भी मांग है। बता दें कि 10-15 सालों से लगातार काम करने के बाद अचानक एक सप्ताह पहले उन्हें बताया गया कि सुलभ का ठेका खत्म होने के कारण 1 मई से उन्हें काम से हटा दिया जाएगा।

1 मई यानी कि विश्व मजदूर दिवस को दुनिया भर में करीब 150 साल पहले दुनिया के ताकतवर देशों के मजदूरों ने अपने साथ हो रहे शोषण के खिलाफ, कम वेतन, मनमाने तरीके से काम कराए जाने के कारण अपने मालिकों को खिलाफ विद्रोह प्रदर्शन किया था। लेकिन, इसके बाद भी मजदूरों की बदहाली का आलम आज भी जारी है।

डीयू में काम करने वाली शांति (जो कि राजस्थान से पलायन करके दिल्ली आई हैं) का कहना है कि ‘मैं डीयू में पिछले 10 साल से काम कर रही हूं। लेकिन अब मुझे यहां नई कंपनी को ठेका मिलने से हटाया जा रहा है। मेरे पति को हार्ट की बीमारी है। मेरी चार लड़कियां हैं और दो लड़के हैं। पैसे की तंगी के चलते लड़कियों की कम उम्र में शादी कर दी थी। लड़के भी अभी पढ़ाई कर रहे हैं। अब ब्याज पर पैसे लेकर कितने दिन तक गुजारा चलाऊं।’

मामला क्या है?

दिल्ली विश्वविद्यालय के सफाईकर्मी 2005 तथा उसके बाद से सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गैनाइजेशन (एसआईएसएसओ) के माध्यम से लगातार काम करते रहे हैं।

2005 से सुलभ इण्टरनेशनल के तहत ठेके पर काम कराने के दौरान दौरान उन्हें पीएफ ईएसआई की सुविधा भी नहीं दी जाती थी। 10-15 सालों से लगातार काम करने के बाद अचानक दो सप्ताह पहले उन्हें बताया गया कि सुलभ का ठेका खत्म होने के कारण 1 मई से उन्हें काम से हटा दिया जाएगा।

आरोप है कि नई कंपनी नेक्स जेन जिसको नया ठेका मिला है, पुराने कर्मचारियों को रखने को तैयार नहीं है। वो बाहर से लाकर नए लोगों को काम देना चाह रही है। 1 मई से काम पर आने के लिए मना भी कर दिया गया।

अपनी मांगों को लेकर 1 मई को सफाई कर्मचारियों ने डीयू प्रशासन को हस्ताक्षरित ज्ञापन भी सौंपा है।

भूख हड़ताल पर बैठे छात्र व कर्मचारी

सफाई कर्मचारियों ने 3 मई को अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल की। इसमें स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने भी भागीदारी की। अभी तक प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को प्रशासन ने कोई आश्वासन भी नहीं दिया।

फिलहाल, अब यह देखने वाली बात होगी कि बेरोजगार हो चुके इन सफाई कर्मचारियों की समस्या का निदान कब और कैसे निकल कर आता है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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