डीयू, जेएनयू समेत कई विश्वविद्यालयों के छात्र व शिक्षकों ने 13 प्वांट रोस्टर के विरोध में मंगलवार को न्याय मार्च निकाला। यह मार्च यूजीसी से लेकर एमएचआरडी तक जाकर विरोध जताने के लिए था, लेकिन पुलिस ने इस मार्च को संसद मार्ग पर ही रोक लिया। इस पर शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच काफी देर तक झड़प भी हुई। जनपथ से ही पुलिस ने मार्च को रोककर हजारों शिक्षक व छात्रों को हिरासत में ले लिया। लोगों की मांग थी कि सरकार इस पर जल्द अध्यादेश लाए और 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करे ताकि विश्वविद्यालयों में आरक्षण मिल सके। संसद मार्ग थाने में पहुंचकर प्रदर्शनकारी लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे औऱ यह मांग करते रहे कि हमें न्याय दो।
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मार्च के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी घायल भी हो गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को संसद मार्ग थाने में घंटों बिठाए रखा। बाद में सांसद मनोज झा औऱ धर्मेंद्र यादव भी शिक्षकों के समर्थन में थाने पर प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे।
डीयू के डॉ. लक्ष्मण यादव, डॉ. सुधांशु कुमार ने फोरम4 से बातचीत में कहा कि सरकार अध्यादेश लाने के बिल्कुल पक्ष में नहीं है। कुछ मीडिया भी मनुवादी हैं और गलत खबर दिखा रहे हैं कि सरकार बैकफुट पर आकर अध्यादेश के लिए तैयार हो गई है। जबकि हकीकत ये है कि ये गीदी मीडिया कुछ भी कहने और करने के लिए तैयार हैं ताकि आंदोलन को कमजोर किया जा सके। हमारी मांग जबतक पूरी नहीं हो जाती। देशभर में इसी तरह से प्रदर्शन होते रहेंगे। जस्टिस एक्शन फोरम फॉर सोशल जस्टिस के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में आईसा, एसएफआई, बाप्सा समेत कई अन्य संगठन भी शामिल हुए।
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