दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) शिक्षक संघ (डूटा) का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से दिल्ली सचिवालय में मिला। प्रतिनिधि मंडल ने 5 मार्च के यूजीसी की ओर से जारी आरक्षण विरोधी सर्कुलर से प्रभावित होने वाले तदर्थ शिक्षक (एडहॉक टीचर्स) की पुनर्नियुक्ति (रिज्वाइनिंग) के संबंध में उनसे बातचीत की। सिसोदिया के सामने जुलाई में तदर्थ शिक्षक की पुनर्नियुक्ति बिना किसी अड़चन के कराने की मांग रखी।
तदर्थ शिक्षक जुलाई में नहीं हटाए जाएंगे
मंडल ने दिल्ली सरकार के एक दर्जन से अधिक कॉलेजों में प्राचार्य की नियुक्ति करने और इन कॉलेजों में पूर्व विज्ञापित पदों के साक्षात्कार तत्काल शुरू करने की बात पर जोर दिया। साथ ही जुलाई में तदर्थ शिक्षक न निकाले जाने और प्राचार्यों की जल्द नियुक्ति की मांग की। इस पर सिसोदिया ने आश्वासन दिया है कि कोई भी दिल्ली सरकार के अधीन 28 कॉलेजों के तदर्थ शिक्षक जुलाई में नहीं हटाए जाएगें। साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही ऐसे शिक्षकों को स्थायी किए जाने के लिए वे प्राचार्यों को पत्र लिखेंगे।
11 जून की प्रेस वार्ता में भी शामिल होंगे सिसोदिया
मंडल ने 28 कॉलेजों के प्राचार्यों को तदर्थ शिक्षक की जुलाई में पुनर्नियुक्ति के संबंध में सख्त निर्देश देने का अनुरोध करते हुए 11 जून को प्रेस क्लब में शिक्षकों की समस्याओं को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में शामिल होने का आग्रह भी उप मुख्यमंत्री से किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
क्या-क्या हैं मांग
डूटा की पूर्व अध्यक्ष डॉ नंदिता नारायण और दिल्ली विश्वविद्यालय विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने देश के कई विश्वविद्यालयों (विवि) में जैसे लख़नऊ विश्वविद्यालय, इलाहबाद विवि और एनसीईआरटी जैसी संस्थाओं में 200 पॉइंट पोस्ट बेस रोस्टर के हिसाब से जारी नियुक्ति प्रक्रिया की तर्ज में डीयू के उन 28 कॉलेजों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत पर बल दिया जो दिल्ली सरकार के अधीन हैं। मंडल ने जामिया मिलिया इस्लामिया में जारी नियुक्ति प्रक्रिया के अनुरूप ही दिल्ली विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक कॉलेजों में भी नियुक्ति प्रक्रिया तत्काल शुरू करने की मांग भी की। साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार के चार कॉलेजों में अभी तक गवर्निंग बॉडी के न बनने से वहां पर होने वाली प्राचार्य व तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति खतरे में है। उन्होंने जल्द ही स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, सत्यवती कॉलेज, शहीद सुखदेव कॉलेज और लक्ष्मीबाई कॉलेज में भी दिल्ली सरकार से चेयरमैन बनाने की मांग की। डॉ राजेश झा ने उप मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह दिल्ली सरकार के कॉलेजों में जल्द से जल्द प्राचार्यों की नियुक्ति कराएं। साथ ही तदर्थ शिक्षक के समायोजन की बात भी रखी।
डूटा के इस प्रतिनिधि मंडल में प्रो हंसराज सुमन के अतिरिक्त पूर्व डूटा अध्यक्ष डॉ नंदिता नारायण, डॉ. रसाल सिंह, डॉ. शशि शेखर सिंह, इंटेक के चेयरमैन डॉ अश्वनि शंकर, ईसी मेम्बर डॉ राजेश झा पूर्व ईसी मेम्बर डॉ आभा देव, पूर्व डूटा सचिव डॉ संदीप कुमार आदि शामिल थे।
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