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आज विदेशों में भी संस्कृत की बढ़ रही है मांग: समीर सैनी

मैत्रेयी कॉलेज में संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ

डीयू से सम्बद्ध मैत्रेयी कॉलेज में दिनांक 10 सितंबर को दिल्ली संस्कृत अकादमी के सौजन्य से “स्नातक/स्नातकोत्तर स्तरीय संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता” का सफल आयोजन हुआ। मैत्रेयी कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिंह के संयोजन में आयोजित इस प्रतियोगिता में दिल्ली कैंट से विधायक कमांडो सुरेन्द्र सिंह को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था तथा भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अवर सचिव समीर सैनी इसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

प्रतियोगिता के प्रारम्भ में दिल्ली संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ. जीतराम भट्ट ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएँ नवीन उद्भावनाओं को उपस्थापित करती हैं और इसमें संस्कृत एवं सामान्य दोनों तरह के महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की प्रतिभागिता संस्कृत भाषा के उज्ज्वल भविष्य की अभिद्योतक हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही मैत्रेयी कॉलेज की प्राचार्या डॉ. हरित्मा चोपड़ा ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि हमारे समस्त ज्ञान-विज्ञान का आधार संस्कृत भाषा में उपनिबद्ध वेद, उपनिषद एवं पुराण हैं, जिनका सम्यक अनुशीलन संस्कृत के बिना सर्वथा असम्भव है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में विराजमान समीर सैनी ने कहा कि संस्कृत का प्रत्येक पद सार्थक है। आज विदेशों में संस्कृत के पठन-पाठन पर बहुत जोर दिया जा रहा है, इसका प्रमुख कारण इस भाषा की वैज्ञानिकता है। उन्होंने संस्कृत को संस्कृति से जोड़ते हुए कहा कि संस्कृत भाषा के बिना हम भारतीय संस्कृति की कल्पना भी नहीं कर सकते

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है साथ ही उन्होंने इस तरह के आयोजन हेतु आयोजकों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं। इसके बाद पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. प्रदीप राय ने अपने विशिष्ट वक्तव्य में कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों को अपने आपको परिष्कृत एवं परिमार्जित करने का सुअवसर प्रदान करते हैं, जिसका आप सब प्रतिभागियों को पूरा लाभ उठाना चाहिए।

कॉलेज की टीम को किया गया पुरस्कृत

विशिष्ट वक्तव्य के पश्चात सभी प्रतिभागियों ने निर्धारित विषय ‘अपि भारतीयजनतन्त्रं जनस्य तन्त्रम्?’ को लेकर संस्कृत भाषा में पक्ष एवं विपक्ष में अपने मत को प्रस्तुत किया। इसमें लेडी श्रीराम कॉलेज की टीम को प्रथम, इंद्रप्रस्थ कॉलेज की टीम को द्वितीय एवं मैत्रेयी कॉलेज की टीम को तृतीय स्थान मिला। एतदर्थ उन्हें क्रमशः ₹ 4000/-, ₹ 3600/- एवं ₹ 3000/- की पुरस्कार राशि एवं प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त्त एक टीम को प्रोत्साहन राशि ₹ 1200/- तथा अन्य सभी अपुरस्कृत टीमों को प्रतिभागिता राशि ₹ 400/- प्रदान की गई।

कार्यक्रम के अंत में प्रतियोगिता संयोजक डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन के क्रम में दिल्ली संस्कृत अकादमी एवं आगत सभी विद्वानों, अपने विभागीय शिक्षकों एवं सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ. प्रीति वर्मा ने किया जबकि डॉ. विजय नारायण गौतम, डॉ. अनुरुद्ध ओझा इत्यादि अध्यापकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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