SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

सतत विकास व वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 60 से अधिक शोध पत्रों पर हुई चर्चा

जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज (जेडीएम) के कॉमर्स विभाग की ओर से दो दिनों का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। 4-5 फरवरी को हुए सम्मेलन का विषय सतत विकास और वैश्विक अर्थव्यवस्था रहा जो कि मैक्स मुलर रोड, दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित हुआ।

इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ. डब्ल्यू एंड्रीया बॉर (Dr. W Andreas Bauer ) और गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. नागेश कुमार (Dr. Nagesh Kumar), अन्य अतिथि डॉ. लीली सांग (Dr. Lei Lei Song), देवाशीष (Devashish) और मुख्य़ वक्ता डॉ. मिलिंदो चक्रबर्ती (Dr. Milindo Chakrabarti) रहे। साथ ही राम कुमार, प्राचार्या डॉ. स्वाति पाल और पूर्व गवर्निंग बॉडी चेयरपर्सन डॉ. कुसुम करिश्मा आदि विशेष रूप से कार्यक्रम की शुरुआत सत्र में उपस्थित रहे।

देखिए वीडियो-1

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के भारत, नेपाल औऱ भूटान के वरिष्ठ प्रतिनिधित्वकर्ता डॉ. डब्ल्यू एंड्रीया बॉर ने सतत विकास को प्राप्त करने को लेकर विभिन्न सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने अपने आईएमएफ के अनुभवों को खुलकर साझा करते हुए उभरते बाजार और अर्थव्यवस्था के महत्व पर प्रकाश डाला। यूएन इकोनॉमिक्स एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड द पैसिफिक के दक्षिण व दक्षिण-पश्चिम एशिया ऑफिस, नई दिल्ली के अध्य़क्ष और निदेशक डॉ. नागेश कुमार ने विभिंन्न प्रकार के सूचकों के बारे में बताया जो किसी देश के विकास के बारे में सूचना देते हैं।

इसी प्रकार से डॉ. लीली  सांग ने सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्व के बारे में बताते हुए नीतियों के बारे में चर्चा की। दिल्ली के मुख्य आयुक्त, आयकर ने विकासशील देशों में वित्तीय समावेशी, कर, प्रशासनिक निर्णयों आदि के सतत विकास में महत्व को विस्तार से बताया।

मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद प्रो. मिलिंदो चक्रबर्ती ने कहा कि किसी राष्ट्र के विकास के लिए यह आवश्यक है कि उसके नागरिक नैसर्गिक संसाधनों के संरक्षण के महत्व को समझें और संसाधनों का दोहन कम से कम करें।

पंजाब नेशनल बैंक (दिल्ली व एनसीआर) के जोनल प्रबंधक ने दूसरे बड़ा पीएसयू, पब्लिक सेक्टर के बैंक की ओर से कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के पहल के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कानून तो ठीक है मगर उसका पालन और ठीक से लागू करने के बारे में ध्यान देने की जरूरत है।

कॉलेज की प्राचार्या ने भी अपने क़ॉलेज में सतत विकास को लेकर किए जा रहे पहल की जानकारी देते हुए कहा कि हमारे कॉलेज ने पर्यावरण की रक्षा और सतत विकास को लेकर कई सारे पहल किए हैं जिसमें वाटर कंजर्वेशन, प्लास्टिक पर प्रतिबंध है। साथ ही तकनीक पर आधारित कंपोस्टिंग की व्यवस्था फरवरी के अंतिम सप्ताह तक शुरू हो जाएगी।

देखिए वीडियो-2

इस अवसर पर आईआईटी व विभिन्न विश्वविद्यालयों दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विवि, पटना विवि, एमडीयू और अन्य. राज्यों से आए कई प्रोफेसर्स औऱ वैज्ञानिकों ने अपने शोध पत्र भी प्रस्तुत किए। इस अवसर पर विभिन्न देशों से यूएस, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश और श्रीलंका से आए कई लोग मौजूद रहे। संयोजिका डॉ. चंचल चोपड़ा ने सभी का इस अवसर पर स्वागत किया। अलग-अलग 6 सत्रों में चले इस सम्मेलन में करीब 60 शोध पत्रों पर जमकर चर्चा हुई। अंत में सभी को धन्यवाद और सम्मेलन की मुख्य बातों को ऱखने का काम सम्मेलन की संयोजिका डॉ. विभा जैन और जेडीएम के कॉमर्स विभाग की अध्यक्षा डॉ. अमिता चरन ने किया।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "सतत विकास व वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 60 से अधिक शोध पत्रों पर हुई चर्चा"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*