26 जनवरी 1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ था, जिस वजह से भारत के इतिहास मे यह दिन बेहद खास है और आज देशभर में 71वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।
सबसे पहले मैं आपको बता देना चाहती हूँ कि आखिर गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश बना। इस दिन ही संविधान लागू करने के चंद मिनट बात ही राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। गणतन्त्र (संस्कृत; गण: पूरी जनता, तंत्र:प्रणाली; जनता द्वारा नियंत्रित प्रणाली) इसमें देश संविधान के हिसाब से चलता है।
यह संविधान ही है जो भारत के सभी धर्म, जाति व वर्ग के लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें सिर्फ एक व्यक्ति की भागीदारी नहीं है बल्कि कई लोगों के द्वारा भारतीय संविधान को लिखा गया है। 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में यह तैयार हुआ था।
संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी के दिन इसलिये चुना गया। क्योंकि इस दिन 1930 में कॉंग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी।
हर साल गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन होता है। इस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता हैं और इसके बाद राष्ट्रगान गया जाता है फिर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को सलामी दिया जाता है। गणतंत्र दिवस को पूरे देश में विशेष रूप से भारत की राजधानी दिल्ली में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर हर साल एक परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक राजपथ पर आयोजित किया जाता है। राजपथ पर निकलने वाली सभी झाकियों में भारत की विविधता में एकता की झलक दिखती है। परेड में भारत की तीनों सेना नौसेना, थल सेना और वायुसेना शामिल होती है और अपनी ताकत दिखाती हैं।
परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर पुष्प माला डालते हैं। इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है। इसके बाद प्रधानमंत्री, अन्य व्यक्ति के साथ राजपथ पर स्थित मंच तक आते हैं, राष्ट्रपति बाद में अवसर के मुख्य अतिथि के साथ आते है।
ऐसा नहीं है कि 26 जनवरी पर केवल झंडा फहराने और परेड व झाकियां आदि के समापन के साथ राष्ट्रीय त्योहार खत्म हो जाता है। 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के साथ गणतंत्र दिवस उत्सव का समापन होता है।
26 जनवरी को केवल राजपथ पर मौजूदा लोगों में ही जोश नहीं दिखता बल्कि हर कोई देशभक्ति के रंग में डूबा होता है। लोग अलग अलग तरीके से इस दिन को मनाते हैं। कुछ लोग अपने परिधानों के जरिये राष्ट्रभक्ति को दर्शाते हैं तो कुछ लोग देश भक्ति से जुड़े संदेश एक दूसरे को भेजते हैं। भारत के इतिहास में इस दिन को बेहद खास मानते हुए देशभर में सप्ताह पहले से ही जश्न की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। एक तरफ जहां स्कूल और कॉलेज में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है तो वहीं दूसरी ओर बाजारों में तिरंगों की मांग भी बढ़ जाती है। हर चौराहे पर तिरंगे ही तिरंगे देखने को मिलेंगे। इस दिन खास कर बच्चों में एक क्रेज भी देखने को नज़र आता है।
देश आज़ाद हुआ और गणतंत्र भी बना। आजादी मिले और संविधान को लागू होने के इतने बरसों बाद भी आज भारत अपराध, भ्रष्टाचार, गरीबी, हिंसा, अशिक्षित, बेरोजगारी, आतंकवादी जैसी समस्याओं से लड़ रहा है। हमे एकजुट हो कर इन समस्याओं को खत्म करने के लिए प्रयास करना होगा।
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