भारत इस साल अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने के कारण इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति राष्ट्र ध्वज फहराते हैं और 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इस दिन राष्ट्रपति देश के योग्य लोगों को पद्म पुरस्कार, बहादुरी पुरस्कार, भारत रत्न जैसे विभिन्न पुरस्कारों से पुरस्कृत करते हैं। भारतीय सेना के वीर जबांजों द्वारा गणतंत्र दिवस परेड में विभिन्न तरह के करतब दिखलाये जाते हैं। हर राज्यों और मंत्रालयों की अपनी अपनी झाकियां होती हैं।
गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 25 जनवरी शनिवार शाम राष्ट्र को संबोधित किया और कहा कि देश गणतंत्र के लोगों से ही चलता है। भारत की शक्ति नागरिकों में ही निहित है। हम महात्मा गांधी के आदर्शों को मानते हुए लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध रहें, यही विकास का उत्तम मार्ग है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने विदेशों में रहते हुए न केवल वहां की प्रगति में योगदान दिया, बल्कि अपनी भारतीय संस्कृति को भी सहेजा है।
इस बार गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि
26 जनवरी 2020 के मुख्य अतिथि ‘ब्राजील’ के राष्ट्रपति ‘जेयर बोल्सोनारो’ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को आमंत्रित किया है। वे शुक्रवार को चार दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंच चुके हैं। यह ब्राजीलियन राष्ट्रपति का तीसरा दौरा होगा। प्रधानमंत्री की ब्राजीलियन राष्ट्रपति से मुलाकात ब्राजील में सम्पन्न हुए ग्यारहवें ब्रिक्स समिट के दौरान हुई थी।
पद्म पुरस्कारों की घोषणा
हर साल गणतंत्र दिवस के मौक़े पर पद्म पुरस्कारों का एलान किया जाता है। राष्ट्रपति मार्च या अप्रैल में उन्हें सम्मानित करते हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस साल के लिए पद्म पुरस्कारों की घोषणा सरकार ने कर दी है।
राष्ट्रपति ने 141 पद्म पुरस्कारों का अनुमोदन किया है, जिनमें सात पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 118 पद्म श्री हैं।
पद्म पुरस्कार पाने वालों में इस बार 33 महिलाओं को शामिल किया गया है। साथ ही 18 विदेशी, एनआरआई, पीआईओ, ओसीआई श्रेणी से हैं जबकि 12 पुरस्कार मरणोपरांत दिए गए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और जॉर्ज फ़र्नाडिस को मरणोपरांत पद्म विभूषण दिया गया है। बॉक्सिंग खिलाड़ी एमसी मेरी कॉम, शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा को भी देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान से नवाज़ा गया है।
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोहर पर्रिकर (मरणोपरांत), बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, उद्योगपति आनंद महिंद्रा और वेणु श्रीनिवासन को पद्म भूषण दिया गया। इनके अलावा नागालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री एससी जमीर और जम्मू-कश्मीर के नेता मुज़फ्फर हुसैन बेग को भी पद्म भूषण से नवाज़ा गया है।
Arun Jaitley, Sushma Swaraj and George Fernandes conferred with Padma Vibhushan award. (file pics) pic.twitter.com/OlEd2eXDs8
— ANI (@ANI) January 25, 2020
वहीं, पद्म श्री की 118 लोगों वाली नाम की सूची में शामिल लोगों में अभिनेत्री कंगना रनौट, फ़िल्मनिर्माता एकता कपूर, करण जौहर, गायक सुरेश वाडकर और अदनान सामी, नौकरी डॉट कॉम के संस्थापक संजीव बिकचंदानी, उद्योगपति भारत गोएंका, टेक्नोक्रेट नेमनाथ और गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह जैन (मरणोपरांत) शामिल हैं।
भोपाल गैस त्रासदी के कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। इनके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश लाल आहूजा, मोहम्मद शरीफ़, तुलसी गौड़ा, मुन्ना मास्टर का नाम भी इस सूची में शामिल हैं।
Kangana Ranaut, Ekta Kapoor, Adnan Sami and Karan Jahor have been conferred with Padma Shri award. (File pics) pic.twitter.com/aNR9CeOflM
— ANI (@ANI) January 25, 2020
संविधान का निर्माण और लागू होने तक की प्रक्रिया
1950 में 26 जनवरी के दिन ही भारत शासन अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। भारत शासन अधिनियम अधिनियम ब्रिटिश संसद ने बनाया था। 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे। संविधान के प्रारूप पर 114 दिन बहस हुई। संविधान निर्माण कार्य में कुल मिलाकर 63,96,729 रुपये खर्च हुए। संविधान को जब 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभी द्वारा पारित किया गया, तब इसमें कुल 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियाँ थीं। वर्तमान समय में संविधान में 25 भाग, 448 अनुच्छेद एंव 12 अनुसूचियां है। संविधान दो भाषाओं हिन्दी और अंग्रेजी में लिखा गया। यह विश्व का सबसे लंबा संविधान है।
भारतीय संविधान सभा की सात समितियां थी जिन समितियों के अध्यक्ष और इस सभा के प्रमुख सदस्य डॉ. भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। डॉ भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में हमारे देश का संविधान लिखा गया।
26 तारीख का महत्व
26 जनवरी का दिन भारत के इतिहास में विशेष महत्व रखता है। इस दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं हुई थी। 1929 में दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ। इस अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार द्वारा 26 जनवरी 1930 तक भारत को अधिराज्य का दर्जा नहीं दिया गया तो भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्र देश घोषित कर दिया जाएगा। जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया। भारत की आजादी के बाद संविधान सभा की घोषणा की गई जिसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से शुरू किया।
क्या कहता है भारत का संविधान
हमारा संविधान हमें हमारे कर्तव्यों और अधिकारों से अवगत कराता है। सभी को समान अधिकार देता है। भारतीय संविधान के प्रस्तावना के अनुसार भारत एक सम्प्रुभता सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य है।
आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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