यूएपीए के तहत गिरफ्तार की गई जामिया की छात्रा सफूरा जरगर के समर्थन में उतरे डीयू के छात्र नेता सादिक़ रज़ा
बीते दिनों दिल्ली पुलिस द्वारा जामिया की छात्रा व एनआरसी-सीएए विरोधी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रही एक्टिविस्ट सफूरा जरगर को यूएपीए के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। सफूरा समेत जामिया तथा अन्य विश्विद्यालय के छात्रों पर भी यूएपीए के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है। उन पर दिल्ली दंगों को लेकर उकसाने का आरोप लगा है।
बिहार के रहने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र नेता सादिक़ रज़ा ने इन मुक़दमे का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि ये सीधे तौर पर सरकार विरोधी आवाज़ को दबाने की साजिश है। यूएपीए जैसा क़ानून बनाया ही इसलिए गया है कि सत्ता के खिलाफ़ बोल रहे लोगों को और समाज में समानता और न्याय स्थापित करने की लड़ाई लड़ रहे लोगों को आसानी से कुचला जा सके।
बता दें कि सफूरा जरगर गर्भवती हैं जिसको लेकर सोशल मीडिया पर तथाकथित कट्टरपंथियों व संघ समर्थकों द्वारा लगातार भद्दी तथा अश्लील टिप्पणियां की जा रही हैं। इस विषय पर रज़ा ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि सफूरा एक शादीशुदा गर्भवती हैं मगर संघी आईटीसेल ग़लत और झूठी अफ़वाह ज़ोर शोर से फैलाने में लगा है। रज़ा ने आगे कहा है कि यदि कोई स्त्री बिना विवाह के भी गर्भवती है तो ये अधिकार किसी के पास नहीं है कि स्त्री चरित्र पर सवाल करे क्यूंकि भारतीय संविधान अविवाहित के गर्भवती होने को ग़ैर कानूनी नहीं मानता। रज़ा ने जल्द से जल्द सफूरा समेत सभी यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए छात्र-छात्राओं के रिहाई की मांग की तथा अश्लील टिप्पणी करने वालों की शिनाख़्त कर गिरफ़्तार किए जाने की मांग की है।
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