सहायता करे
SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

मेरा भारत

शत-शत बार सदा भारत माँ के चरणों में वंदन है

हिमा दास है बेटी और इसका बेटा अभिनंदन है

 

कश्मीर से धनुषकोटि फैली इसकी हरियाली है

इसकी वह डल झील हमें गंगा जमुना सी प्यारी है

 

इस मिट्टी में उगने वाले पौधे भी मुस्काते हैं

पुण्य भूमि पर जन्म लिया ये सोच-सोच इतराते हैं

 

कितने पुण्य करे मानव तब जन्म यहाँ वो पाता है

जिसने ज्यादा पुण्य किये वो भरत भूमि पर आता है

 

साथ हमारे यहाँ पेड़ पौधे भी सब लहराते हैं

खग मृग मधुकर साथ हमारे गीत यहाँ पर गाते हैं

 

खूब फली फूली है धरती रत्नों की भरमार है

पूज्यनीय पावन माटी को नमन हजारों बार है

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

पूजा वर्मा
कविताएं लिखने का शौक है, कई काव्य संग्रह किताबें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। समसामयिक विषयों पर लेख भी लिखती हैं।

Be the first to comment on "मेरा भारत"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*