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‘ओमिक्रोन’ ने भारत में बढ़ाई चिंता, जानिए क्या यह कोरोना की तीसरी लहर की आहट है?

चीन से फैले कोरोना वायरस की महामारी ने पूरे विश्व को तहस नहस कर डाला। अब तक 52 लाख से अधिक लोग इससे अपनी जान गवां चुके हैं। भारत में ही करीब 5 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस के तमाम वेरिएंट इस बीच उभर कर सामने आ रहे हैं। इन सभी वैरिएंट्स को लेकर अभी ज्यादा कुछ शोध नहीं हो सका है, लेकिन अभी एक वैरिएंट की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। इस वैरिएंट को खतरनाक माना जा रहा है। इसका नाम है- ओमिक्रोन। ओमिक्रोन से पहले डेल्टा वेरिएंट आया जो काफी खतरनाक था। इसमें 9 म्यूटेशन थे और अभी जिस ओमिक्रोन की चर्चा हो रही है उसमें डेल्टा की तुलना में ज्यादा म्यूटेशन हैं जो काफी खतरनाक हो सकते है। इसको लेकर हर ओर बहस शुरू हो गई है कि क्या कोरोना के लिए जो वैक्सीन उपलब्ध हैं वो इस वेरिएंट के लिए कारगर है? क्या भारत में भी ओमिक्रोन अपना विस्तार ले सकता है? जिस तीसरी लहर के आने की बात भारत में हो रही थी क्या ओमिक्रोन इसकी आहट है? इन सवालों के जवाब आगे हम आपको बताने वाले हैं। इससे पहले कोरोना वायरस के फैलने और उससे पड़ने वाले प्रभाव को समझना होगा।

अब तक क्या-क्या हुआ?

2019 के अंत में जब चीन में इस वायरस ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू किया तो दूसरे देशों के लोग ये नहीं पता था कि इतनी जल्दी यह महामारी लाखों लोगों को अपने आगोश में लेने लगेगी।

जब इस वायरस ने अपना रूप दूसरे देशों में भी दिखाना शुरू किया तो धीरे-धीरे हर देश सतर्क होने लगा और लोग डर के साये में रहने लगे। कोरोना ने पूरी दुनिया को एक अलग डर और भयानक स्थिति में पहुंचाने के बाद लोगों को घरों में कैद होने के लिए विवश किया। लॉकडाउन लगने लगा और इसके बाद लोग केवल वायरस से बीमार नहीं पड़े बल्कि मानसिक रूप से भी बीमार होने लगे। अवसाद की स्थिति, आर्थिक रूप से तंगी ने हर किसी को हर तरह से जिंदगी और मौत के बीच जीने को मजबूर कर दिया। देश आर्थिक संकट से गुजरने लगे। इसमें भारत भी शामिल है, जो दूसरी लहर के समय सबसे खतरनाक मोड़ से गुजरा। अब तक कोरोना की दो लहरों ने ही देश को बड़े संकट में डाल दिया है, तीसरी लहर की आहट नवंबर में बताई जा रही थी। नवंबर माह तो निकल गया लेकिन इसी माह में नीदरलैंड और दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट ने भारत सहित तमाम देशों की एकाएक चिंता बढ़ा दी। यही कारण है कि अब ओमिक्रोन पर चर्चा शुरू हो गई है। और एक बार फिर से इसको लेकर सतर्क रहने के लिए लॉकडाउन लगाने की बात की जा रही है।

ओमिक्रोन वेरियंट कैसे पहुंचा भारत?

ओमिक्रोन का सबसे पहला केस दक्षिण अफ्रीका में पाया गया। देखते ही देखते 24 नंवबर तक दक्षिण अफ्रीका में 183 लोग इस ऑमिक्रोन नामक वेरियंट से ग्रसित पाए गए। 26 नवंबर को हॉंगकॉंग, नीदरलैंड, इजराइल में ओमिक्रोन के मामले सामने आए। धीरे धीरे ये वायरस ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इटली, कनाटा,स्विजरलैंड, स्पेन, जापान और 2 दिसंबर को भारत में भी ये वायरस पहुंच गया। दक्षिण अफ्रीका से कर्नाटक आए दो लोगों में ये वेरियंट मिला। राजस्थान में भी दक्षिण अफ्रीका से आए 7 लोगों में से 4 लोग पॉजिटिव पाए गए।

सभी देशों की चिंता बढ़ती जा रही है। बढ़ते मामलों को देखते हुए दक्षिण अफ्रीका में लॉकडाउन लगा दिया गया। आने जाने वाली हवाई यात्राओं पर भी रोक लगा दी है। दूसरे देशों की सरकारें भी चिंतित हैं। कुछ देशों ने तो दक्षिण अफ्रीका यात्रा पर ही रोक लगा दी है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत में टीकाकरण के आंकड़ों और डेल्टा वेरिएंट के दौरान लोगों में पैदा हुई इम्यूनिटी को देखते हुए ये माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन के गंभीर होने की आशंका कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया है कि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि ये वेरिएंट किस पैमाने पर फैलेगा और इसकी गंभीरता क्या होगी। लेकिन सरकार ने बयान में ये भी कहा है कि अभी ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चल सके कि मौजूदा वैक्सीन ओमिक्रॉन पर काम नहीं कर रही हैं। सरकार ने अपने बयान में अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने पर ज़ोर दिया है।

भारत में अभी जो मौजूदा टेस्ट हो रहे हैं वो कोविड संक्रमण का तो पता लगा सकते हैं लेकिन ये ओमिक्रॉन वेरिएंट है या नहीं इसका पता नहीं लगा सकते हैं। ओमिक्रॉन की पुष्टि के लिए जीनोम सिक्वेंस टेस्ट की ज़रूरत होती है।

ओमिक्रॉन वेरिएंट क्या है?

B.1.1.529 जो कि कोविड19 का नया वेरिएंट है। इसको डब्ल्यू एच ओ (WHO) ने ओमिक्रॉन (Omicron) नाम देते हुए, वेरिएंट ऑफ कॉन्सर्न की श्रेणी में रखा है। डब्ल्यू एच ओ के अनुसार इस नए वेरिएंट के 50 से ज़्यादा अलग अलग परिवर्तन हैं, और ये पिछले वेरिएंट की तुलना में ज़्यादा तेजी से फैल सकता है। इस पर वैक्सीन का भी कोई खास असर नहीं दिखेगा। सीधे तौर अभी ये कहना सही नहीं होगा कि ये कितना खतरनाक वेरिएंट है या इस से कितनी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

डेल्टा मे जहां मरीज के सूंघने की क्षमता और जीभ का स्वाद चला जाता। जबकि ओमिक्रोन में ऐसा नहीं है। ओमिक्रोन से अचानक शरीर में जरुरत से ज़्यादा थकावट और हल्के सर दर्द के लक्षण मिले है। ये RTPCR टेस्ट की भी पकड़ से बचने में कामयाब हो जाता है।

आइए समझाते हैं ये डेल्टा और ओमिक्रोन क्या है। दरसल कोविड संक्रमण सॉर्स cov2 नाम के RNA वायरस से फैलता है। ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है।

डेल्टा का साइंटिफिक नाम B.1.617.2  रखा गया था। डेल्टा काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है और फैलता है। इसको साधारण RTPCR टेस्ट से डिटेक्ट करना आसान था।

बात करते हैं ओमिक्रोन की तो ये पिछले वेरिएंट की तुलना में तीन गुना रफ्तार से फैल सकता है।

डेल्टा वेरिएंट पर वैक्सीन भी 60 से 63 % तक कारगर साबित हो रहीं थी। इसमें कारगर साबित होंगी या नहीं इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता।

अब देखना होगा कि देश, दुनिया, राज्य सरकारें और केन्द्र सरकार अस्पताल, स्वास्थ्य सेवाएं पिछली 2 बार की नाकामी के बाद ओमिक्रोन के इस नए वेरिएंट के लिए कितनी तैयार है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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