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फोरम4 के संपादक के साथ मारपीट के 48 घंटे बाद भी एफआईआर नहीं, सोशल मीडिया पर मामले ने पकड़ा तूल

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में 7 जून को बेड संबंधी पूछताछ के दौरान वीडियो रिकॉर्ड करने को लेकर फोरम4 के संपादक प्रभात से आरएमएल हॉस्पिटल के अंदर मारपीट की गई है। घटना यानी 7 जून की सुबह करीब 1.45 (पूर्वाहन) की है। मामले को 48 घंटे से अधिक हो गए हैं अभी तक इस संबंध में नॉर्थ एवन्यू थाने में प्रभात की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज नहीं की है। पत्रकार से इस तरह मारपीट को लेकर सोशल मीडिया पर लोग गुस्सा जता रहे हैं और मामले में जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

मामला क्या है?

मालूम हो कि यह घटना तब हुई जब प्रभात जीटीबी हॉस्पिटल में भर्ती मरीज के संबंध में आरएमएल हॉस्पिटल बेड खाली होने की जानकारी लेने गए थे। क्योंकि मरीज को आरएमएल हॉस्पिटल में रेफर किया गया था और मरीज को लगातार ऑक्सीजन की जरूरत थी। इसलिए मरीज के कहने पर वे आरएमएल आये थे। पूछताछ करने के दौरान अस्पताल में जानकारी दे रहे (पीपीई किट पहने व्यक्ति ने) मरीज को भर्ती करने से मना किया और कारण दिया कि बेड खाली नहीं है। इसी बात को कहते हुए पीपीई किट पहने व्यक्ति की वीडियो मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। इसके तुरंत बाद पीपीई किट वाला व्यक्ति चिल्लाने लगा कि रिकॉर्ड किया है इसने, पकड़ लो। इसके बाद आसपास के गेट पर मौजूद सभी गार्ड और बाउंसर ने प्रभात को पकड़ने और मारने की कोशिश की। हालांकि प्रभात के साथ एक साथी और भी थे। जो गेट पर ही रुके थे। प्रभात ही अंदर हॉस्पिटल में पता करने गए थे। ऐसे में वे साथी को बुलाते हुए 4 नंबर गेट तक दौड़कर पहंच गए थे। लेकिन, तब तक रिकार्ड हुए पीपीई किट पहने व्यक्ति के साथ 2-3 बाउंसर और 4 नंबर गेट और उसके बगल में ड्यूटी कर रहे गार्ड ने आकर मोबाइल और बैग छान लिया। बैग में फोरम4 की माइकआईडी वगैरह भी थी। मोबाइल से रिकार्डेड वीडियो डिलीट करने के साथ ही अन्य पहले के वीडियो जो बनाए हुए थे, (जिसका इस घटना से संबंध नहीं था) उसे भी डिलीट कर दिया। और जो साथी गेट पर थे। उन्हें डंडे से भगाकर एक कोने में कर दिया था। इसके बाद प्रभात को उनमें से 2-3 लोगों ने डंडे से पीटा भी। साथी के कहने पर कि “इन्हें मत मारो आप, चाहे आप वीडियो डिलीट कर दो या फिर पुलिस कंप्लेंट कर दो, नहीं माने”। यहां तक कि यह बताने पर कि हम पत्रकार हैं। गाली गलोज भी किया। इसके बाद थोड़ी देर बाद ही उन्हें छोड़ा गया। इस घटना के बाद प्रभात काफी डर गए और वे इस हालत में नहीं थे कि किसी से कुछ कह सकें।

मारपीट की घटना के 15-20 मिनट बाद 100 नं पर घटनाक्रम की सूचना दी गई। उन्होंने आकर घटना के संबंध में पूछताछ की। इसके बाद नार्थ एवन्यू थाने पुलिस से शिकायत की गई। पुलिस के अनुसार अभी तक एफआईआऱ दर्ज नहीं हुई है।

कोरोना महामारी और अस्पतालों की क्या है स्थिति?

पूरे देश में कोरोना महामारी फैल रही है। अब तक 2,65,869 कोरोना के मरीज हो चुके हैं। 7473 लोगों की मौत हो चुकी है। देश के विभिन्न हिस्सों से अस्पतालों को लेकर फैली अव्यस्था और प्रशासन की लापरवाही से लोगों की मौत की खबरें आ रही हैं। देश की राजधानी में भी कई जगहों से खबरे आ रही हैं कि लोगों को अस्पताल में एडमिट ही नहीं किया जा रहा। दिल्ली के मुख्ययमंत्री ने कुछ दिनों पहले ही बेड की ब्लैक मार्केटिंग करने का आरोप अस्पतालों पर लगाया था। अस्पताल में फोन करके जानकारी लेना चाहो तो कोई फोन नही उठाता। दिल्ली में खुद सबसे अधिक संक्रमण के मामले आ रहे हैं। पूरे देश में दिल्ली संक्रमण के मामले में तीसरे स्तान पर है। यहां 27600 से अधिक मामले अब तक आ चुके हैं। अस्पतालों में मरीजों की भर्ती को लेकर हालात यहां भी सामान्य नहीं हैं। ऐसी ही एक घटना है दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल की। फोरम4 के संपादक प्रभात किसी व्यक्ति को एडमिट कराने के लिए गए थे लेकिन उनसे कहा गया कि यहां जगह नहीं है। इस बात को उन्होंने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया था। इसलिये ही उन्हें पीट दिया गया। दरअसल अस्पताल निष्पक्ष होकर और पारदर्शी तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। हालांकि इलाज में लगे डॉक्टर्स वास्तव में कोरोना योद्धा हैं लेकिन सरकार की लापरवाही के चलते पूरे सिस्टम में खामियां मरीजों को मौत मिलने के रूप में सामने आ रही हैं।

सोशल मीडिया पर मारपीट का मामला गरमाया

फोरम4 के संपादक प्रभात के समर्थन में पत्रकार सोशल मीडिया पर लोग एफआईआर दर्ज करने और इंसाफ की मांग कर रहे हैं। फेसबुक और ट्विटर पर इस खबर की खूब चर्चा हो रही है। लोग प्रभात के लिए #JusticeForPrabhat लिखकर आवाज उठा रहे हैं, इनमें ज्यादातर पत्रकार मामले को लेकर प्रभात के समर्थन में न्याय मांग रहे हैं।

वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा कि अस्पताल की अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उसके साथ अस्पताल में मारपीट की जाती है। उसने लिखित शिकायत किया है, समस्या क्या है आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में?

पत्रकार ललित मोहन बेलवाल ने ट्विटर पर लिखा है कि दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। वहीं दिल्ली के अस्पताल वाले मनमानी करने पर उतारू हैं। फ़ोरम 4 के संपादक के साथ दुर्व्यवहार किया गया। दिल्ली पुलिस एफ़आइआर तक नहीं लिख रही।

विपिन कुमार ने ट्वीट करते हुए घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज निकालकर जांच करवाने की बात कही है।

पत्रकार व लेखक प्रभात उपाध्याय ने लिखा है कि पत्रकारों से मारपीट और अभद्रता आम हो गई है। ताजा मामला प्रभात साथ आरएमएल हॉस्पिटल कर्मियों की मारपीट है। मोबाइल छीनकर जबरन वीडियो भी डिलीट कर दिया। शिकायत के बावजूद दिल्ली पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है।

आस्था ने लिखा है कि प्रभात जैसे पत्रकार जो इस तरह की रिपोर्ट करने की हिम्मत करते हैं, उन्हें पीटा जाता है जबकि नफरत फैलाने वालों को छोड़ दिया जाता है।

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Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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