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पीएम ने इन 7 चीजों में साथ देने की मांग की, विपक्ष ने की आलोचना

तस्वीर- गूगल साभार

कोरोना संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को चौथी बार संबोधित करते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है। 21 दिनों से चल रहे लाकडाउन के अंतिम दिन यानी 14 अप्रैल को 10 बजे सुबह पीएम ने अपने संबोधन में इस बावत कई अहम जानकारी दी। इससे पहले पीएम ने 19 मार्च को जनता कर्फ्यू को लेकर देश के नाम अपना भाषण दिया था। इसके बाद दूसरी बार लॉकडाउन करने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को राष्ट्र को संबोधित किया था। पीएम ने कहा था कि अगर कोरोना को हराना है, तो सभी देशवासियों को 21 दिन का लॉकडाउन मानना पड़ेगा। इसी बीच पीएम ने तीसरी बार देश को कोरोना के खिलाफ एकजुट करने के लिए 3 अप्रैल को सभी से दिया जलाने, टॉर्च जलाने, मोबाइल फ्लैश लाइट जलाने या फिर मोमबत्ती जलाने का आह्ववान किया था।

पीएम ने लॉकडाउन बढ़ाने के महत्व को देखते हुए कहा कि भारत कोरोना के ख़िलाफ़ आगे और लड़ाई कैसे लड़े इसे लेकर राज्यों के साथ निरंतर चर्चा हुई है। उसमें हर किसी की ओर से यही सुझाव आया है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया है कि 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा, “सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का बहुत बड़ा लाभ मिला है. आर्थिक दृष्टि से यह महंगा ज़रूर लगता है, लेकिन भारतवासियों की ज़िंदगी के सामने ये ज़्यादा नहीं।”

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “कोरोना को नए क्षेत्रों में नहीं बढ़ने देना है. हॉटस्पॉट की इंगित कर के सतर्कता बरतनी होगी। जिन स्थानों पर हॉटस्पॉट बनने की आशंका है उन्हें लेकर कठोर क़दम उठाने होंगे। अगले एक हफ़्ते में लॉकडाउन में कठोरता और बरती जाएगी। जिन इलाक़ों में आशंका कम होगी उन इलाक़ों में 20 अप्रैल के बाद कुछ छूट मिलेगी, लेकिन ये सशर्त होगी।”

संबोधन की शुरुआत उन्होंने बाबा साहेब को नमन करते हुए की औऱ कहा, “मैं सभी देशवासियों की तरफ़ से बाबा साहेब को नमन करता हूँ। ये अलग-अलग त्यौहारों का समय है। भारत उत्सवों का देश है। हमेशा उत्सवों से हरा भरा है। अनेक राज्यों में नए वर्ष की शुरुआत हुई। जितने संयम से घरों में रहकर त्योहार मना रहे हैं ये प्रशंसनीय है। साथियों आज पूरे विश्व में कोरोना वायरस की महामारी की जो स्थिति है, उसमें भारत ने कैसे संक्रमण को रोकने का प्रयास किया है उसके आप सहभागी रहे हैं और साक्षी भी।”

देखें वीडियो (पीएम मोदी का कोरोना को लेकर राष्ट्र के नाम चौथा संबोधन)

20 अप्रैल से चिन्हित क्षेत्रों में इस सीमित छूट का प्रावधान हमारे ग़रीब भाई बहनों को ध्यान में रखकर किया गया है. मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में इनकी मुश्किल कम करना है।

उन्होंने कहा कि साथियों देश में दवा से लेकर राशन तक पर्याप्त भण्डार है सप्लाई चेन की दिक्कतें दूर की जा रही हैं। अब तक टेस्टिंग की सिर्फ़ एक लैब थी अब 220 से ज़्यादा लैब काम कर रही हैं।

कोरोना के 10 हज़ार मरीज़ होने पर 1500 बेड की ज़रुरत होती है, भारत में 1 लाख बेड की व्यवस्था है, 600 से ज़्यादा अस्पताल यही काम कर रहे हैं।

युवा वैज्ञानिकों को वैक्सीन बनाने के लिए आगे आने को कहा-

पीएम ने कहा, साथियों आज भारत के पास सीमित संसाधन हो, लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से आग्रह है कि मेरे नौजवान साथियों आप आगे आएं। वैक्सीन बनाने का बेड़ा उठाएं। हम कोरोना को परास्त करके ही रहेंगे।

सात बातों पर साथ देने की मांग की

1.बुज़ुर्गों का ख़ास ख़याल रखें

2.सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करें

3.अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के निर्देश का पालन करें

4.कोरोना संक्रमण रोकने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप ज़रूर डाउनलोड करें

5.जितना हो सके उतना ग़रीब परिवारों के भोजन की आवश्यकता पूरी करें

6.अपने साथ काम करने वालों को नौकरी से न निकालें.

7.कोरोना से लड़ाई में शामिल डॉक्टर, नर्स, सफ़ाईकर्मी, पुलिस का ख़ास सम्मान करें

विपक्ष ने की आलोचना 

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा कि पैसे और भोजन पर्याप्त है, लेकिन सरकार इन्हें नहीं निकालेगी।

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेख मनुसिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण में लफ़्फ़ाज़ी के सिवा कुछ नहीं। सिंघवी के अनुसार मोदी ने न तो ग़रीबों के लिए और न ही मध्यम वर्ग के लिए किसी आर्थिक पैकेज की घोषणा की।

सिंघवी ने तंज़ करते हुए कहा कि मोदी का भाषण ऐसे ही जैसे डेनमार्क के राजकुमार के बग़ैर हैमलेट।

 

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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