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पिंजरा तोड़ से जुड़ीं 2 लड़कियों को मिली जमानत, फिर इसलिए भेजना पड़ा पुलिस कस्टडी में!

पिंजरा तोड़ से जुड़ीं डीयू में पूर्व की दो छात्राओं देवांगना कालिता और नताशा नरवाल को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया। दोनों को दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। इन पर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा से जुड़े होने का आरोप है। बता दें कि डीयू जैसे नामी विश्वविद्यालयों की छात्राओं का यह ग्रुप हॉस्टल में अपनी आजादी को लेकर लगातार संघर्षरत रहा है। छात्राओं का तर्क होता है कि महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर उनके अधिकार नहीं छीनने चाहिए। महिलाओं को पूरी आजादी से जीने का हक होना चाहिए। नताशा नरवाल और देवांगना कलीता जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की छात्राएं हैं। कलीता जेएनयू की सेंटर फॉर वीमेन स्टडीज की एमफिल छात्रा, जबकि नरवाल सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज की पीएचडी छात्रा हैं। दोनों पिंजरा तोड़ की संस्थापक सदस्य हैं।

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इससे पहले उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में शनिवार को पुलिस की गिरफ्तारी के तुरंत बाद रविवार को ज़मानत मिल गई थी। लेकिन ज़मानत मिलने के कुछ ही पल बाद पुलिस ने लड़कियों को दंगे से जुड़े हत्या के एक दूसरे मामले में गिरफ़्तार कर लिया।

दिल्ली पुलिस की शुरुआती एफ़आईआर के मुताबिक़ इन लड़कियों पर फ़रवरी में दिल्ली के जाफ़राबाद इलाक़े में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी पर तैनात सरकारी अधिकारी को काम करने से रोकने, उनका आदेश न मानने, उन पर हमला करने, दूसरे लोगों का रास्ता रोकने और दंगा कराने का आरोप लगाया गया था।

बीबीसी की खबर के मुताबिक, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अजीत नारायण ने 20 हज़ार रुपये के मुचलके पर नताशा नरवाल और देवांगाना कालिता को इन आरोपों में ज़मानत दे दी थी।

कोर्ट ने कहा, “केस के तथ्यों से ये पता चलता है कि अभियुक्त केवल नागरिकता संशोधन क़ानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध कर रही थीं और किसी किस्म की हिंसा में शामिल नहीं थीं। ये इस समाज से गहरे रूप से जुड़ी हुई हैं और बहुत पढ़ी-लिखी भी हैं। सभी जांच को लेकर पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं।”

कोविड-19 की महामारी को देखते हुए कोर्ट अभियुक्तों को पुलिस रिमांड पर भेजने के हक़ में नहीं थी और कस्टडी के लिए पुलिस की अर्जी ख़ारिज कर दी गई।

दोबारा हुई गिरफ़्तारी में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नताशा नरवाल और देवांगना कालिता पर पुलिस ने क़त्ल, क़त्ल की कोशिश, दंगा, आपराधिक साज़िश करने का आरोप लगाया है और इसके लिए 14 दिनों की पुलिस रिमांड की मांग की थी।  इस पर बचाव पक्ष के वकील के विरोध के बावजूद कोर्ट ने नताशा नरवाल और देवांगना कालिता को दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का फ़ैसला सुनाया। सूचना के मुताबिक छात्राओं पर क़त्ल, क़त्ल की कोशिश, आपराधिक साज़िश के अलावा पुलिस ने इन पर आर्म्स एक्ट और सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने का आरोप भी लगाया है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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