SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

देश विदेशों में भी मणिपुर मामले पर चर्चा, आखिर कैसे शुरू हुई मणिपुर में हिंसा, देखिए?

पूर्वोत्तर भारत के राज्य मणिपुर में हालत बद से बदतर हैं। बीते 82 दिनों से मणिपुर हिंसा की चपेट में है। हिंसा और आगजनी इतनी बढ़ गई कि प्रशासन भी हिंसा रोक पाने में नाकाम रहा। वही एक वीडियो वायरल हुआ हैं जो देश-विदेश को बयां कर रहा है कि मणिपुर में क्या हो रहा है? इस वीडियो में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न करके सड़क पर घुमाते हुए दिखाया जा रहा है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद देश में सोशल मीडिया लेकर मीडिया तक बवाल मच गया।

पूरा मामला क्या है?

आपको बता दे मणिपुर में 3 मई से हिंसा की शुरुआत हो चुकी थी। मणिपुर में 3 मई को मैतेई और कुकी जनजाति के बीच हिंसा शुरू हुई थी। दरअसल, मणिपुर में मैतेई समाज की मांग है कि उसको कुकी की तरह राज्य में शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए।मणिपुर में तनाव तब और बढ़ गया जब कुकी समुदाय ने मैतेई समुदाय की आधिकारिक जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग का विरोध करना शुरू कर दिया। इसे लेकर कुकियों ने तर्क दिया कि इससे सरकार और समाज पर उनका प्रभाव और अधिक मजबूत होगा, जिससे उन्हें जमीन खरीदने या मुख्य रूप से कुकी क्षेत्रों में बसने की अनुमति मिल जाएगी। कुकियों का कहना है कि मैतेई के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा छेड़ा गया नशीली दवाओं के खिलाफ युद्ध उनके समुदाय को उखाड़ने का एक बहाना है।

अब देश की जनता केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और राज्य की बीरेन सरकार से प्रश्न पूछ रही है। लेकिन उत्तर किसी के पास नहीं। मणिपुर की इन दो महिलाओं के साथ हुए गैंगरेप और नग्न करके परेड कराने के इस जघन्य अपराध से पूरा देश आक्रोशित है। जहां कुछ लोग सोशल मीडिया में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को निशाना बना रहे हैं, तो वहीं विपक्षी पार्टियां भी संसद से लेकर सड़क तक सरकार से सवाल पूछ रही हैं।

ब्रिटिश संसद में मणिपुर के मुद्दे पर हुई चर्चा

मणिपुर का यह मुद्दा अब देश ही नहीं विदेशों में भी चर्चाओं में हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ब्रिटेन की संसद में मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा की है। ब्रिटेन संसद में बोलते हुए फियोना ब्रूस ने दावा किया कि मणिपुर में हिंसा में सैकड़ों चर्च जला दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हुई हिंसा सोची-समझी साज़िश है। फियोना ब्रूस ने कहा, “मई के बाद से ही सैकड़ों चर्च जला दिए गए हैं, कई बिलकुल नष्ट कर दिए गए। सौ से अधिक लोग मारे गए हैं और पचास हज़ार से अधिक शरणार्थी हैं। न सिर्फ चर्च बल्कि स्कूलों को भी निशाना बनाया गया। इससे साफ़ है कि ये सब योजना के तहत किया जा रहा है और धर्म इन हमलों के पीछे बड़ा फ़ैक्टर है।”

पूरे मामले पर क्या बोले प्रधानमंत्री?

आपको बता दें कि मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस बार अपना वक्तव्य देश के सामने रखा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी बीते महीनों से जारी मणिपुर हिंसा पर एक भी बयान नहीं दिया था। अबकी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह इस घटना से दुखी है और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मेरा हृदय पीड़ा से भरा है, क्रोध से भरा है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले, कितने हैं-कौन हैं, यह अपनी जगह है, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वे माताओं-बहनों की रक्षा करने के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं। प्रधानमंत्री बोले- घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘अपने राज्यों में कानून व्यवस्था को और मजबूत करें। घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की हो, हम राजनीतिक विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था और नारी के सम्मान का ध्यान रखें। किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। वहीं इस घटना पर सरकार को घेरते हुए ‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि “नरेंद्र मोदी जी, आपने कल संसद के अंदर बयान नहीं दिया। अगर आप क्रोधित थे तो आपको कांग्रेस की राज्य सरकारों से अनुचित तुलना करने की जगह मणिपुर के मुख्यमंत्री को हटाना चाहिए था।”

आपको बता दें पूर्वोत्तर के विकास और अंतरराष्ट्रीय छवि की चिंता करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार, वही सरकार है जो पहले पूर्वोत्तर की हर गतिविधि को लेकर खूब चिंता जताती थी। इतना ही नहीं हर विपक्ष के नेता के बयान को अंतरराष्ट्रीय स्तर की छवि से जोड़ने वाली भाजपा आज खामोश है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "देश विदेशों में भी मणिपुर मामले पर चर्चा, आखिर कैसे शुरू हुई मणिपुर में हिंसा, देखिए?"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*