SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

दिल्ली सरकार से कॉलेजों को ग्रांट रिलीज करने की मांग!

साभार-गूगल

दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों को दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने पहली इंस्टालमेंट वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 18 करोड़ पचहत्तर लाख रुपये की राशि को आज रिलीज कर दिया गया। इन कॉलेजों में से अधिकांश कॉलेजों के शिक्षकों को मार्च/अप्रैल माह का वेतन नहीं मिला है। सरकार के इन 12 कॉलेजों में 50 से 60 फीसद तदर्थ शिक्षक, गेस्ट टीचर्स व कंट्रक्चुअल कर्मचारी है। दिल्ली सरकार के कॉलेजों की ग्रांट रिलीज कराने की मांग को लेकर डूटा के आह्वान पर 28 अप्रैल को शिक्षकों ने घरों में रहकर भूख हड़ताल की थीं। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस के पदाधिकारियों ने इनका समर्थन करते हुए भूख हड़ताल पर बैठे थे।

फोरम के चेयरमैन व डीयू की एकेडेमिक काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रोफेसर हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों के सामने लॉकडाउन के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। इन शिक्षकों और कर्मचारियों में ज्यादातर लोग किराए के मकानों में रहते हैं, अपनी ईएमआई, गाड़ी की क़िस्त आदि समय पर ना भरने की वजह से तनाव में है। उन्होंने बताया है कि पिछले कई महीनों में इन कॉलेजों की ग्रांट रिलीज कराने की मांग को लेकर डूटा विधानसभा पर कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके थे। दिल्ली सरकार के प्रति शिक्षकों के रोष को देखकर उन्हें 8 मई को अनुदान प्राप्त कॉलेजों को ग्रांट रिलीज की। कॉलेजों को ग्रांट रिलीज होने पर शिक्षकों, कर्मचारियों में खुशी का माहौल कतई नहीं है। उनका कहना है कि लॉक डाउन में भी घरों से छात्रों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं, उन्हें अध्ययन सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन फिर भी सरकार उन्हें समय पर ग्रांट रिलीज नहीं करती, उनके साथ सौतेला व्यवहार कब तक ?

प्रो. सुमन ने बताया है कि पहली इंस्टालमेंट के अंतर्गत पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों को वित्तीय वर्ष-2020-21 में इस प्रकार 18 करोड़ 75 लाख रुपये की राशि अलॉटमेंट की है-

 सैलरी     

आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज-     2.33

अदिति कॉलेज –                 1.87

भगिनी निवेदिता कॉलेज-      1.30

भाष्कराचार्य कॉलेज-           1.43

भीमराव अंबेडकर कॉलेज-    2.18

दीनदयाल कॉलेज-                2.33

इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉलेज-    1.39

केशव महाविद्यालय-             1.50

महर्षि वाल्मीकि एप्लाइड-           0

महाराजा अग्रसेन कॉलेज-       1.95

शहीद राजगुरु कॉलेज-           1.59

शहीद सुखदेव कॉलेज-           0.88

————–

18.75

प्रोफेसर सुमन का कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा दी गई यह राशि पर्याप्त नहीं है। इससे पहले भी जो राशि दिल्ली सरकार ने कॉलेजों को दी थी उसमें फरवरी/मार्च का वेतन ही शिक्षकों और कर्मचारियों को दिया गया। मार्च के बाद नए बजट सत्र में कॉलेजों को और ग्रांट रिलीज  करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन हाल ही में जो ग्रांट रिलीज हुई है उससे एक महीने का वेतन भी संभव नहीं है। उनका कहना है कि सरकार एक साथ 4 या 6 महीने की ग्रांट क्यों नहीं रिलीज करती? शिक्षकों और कर्मचारियों का काफी समय ग्रांट रिलीज में ही व्यर्थ हो जाताहै।

प्रो. सुमन का कहना है कि पिछले 14 महीनों से दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों में सरकार की गवर्निंग बॉडी नहीं है। उनका कहना है कि अगली इंस्टालमेंट तभी दी जाएगी जब इन कॉलेजों में सरकार की गवर्निंग बॉडी बने। इसलिए तमाम परेशानियों को देखते हुए उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह सबसे पहले 28 कॉलेजों के प्राचार्यों की ऑनलाइन बैठक करें और उन्हें गवर्निंग बॉडी बनाने के निर्देश दें ताकि लंबे समय से रुकी हुई शिक्षकों व कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति के साथ-साथ प्रमोशन, पेंशन मिल सके।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "दिल्ली सरकार से कॉलेजों को ग्रांट रिलीज करने की मांग!"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*