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डीयू में 15 साल से कर्मचारी नहीं हुए स्थायी, ईसी की बैठक में उठ सकता है मुद्दा

दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न विभागों में पिछले 15 साल से अनुकम्पा के आधार पर कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर 63 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें आज तक स्थायी नहीं किया गया है। जबकि डीयू द्वारा बनी अनुकम्पा आधार समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इन कर्मचारियों को स्थायी किए जाने की मांग को लेकर आज (1 जुलाई) को हो रही ईसी की बैठक में जोरदार तरीके से कुछ सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया है कि उन्हें जल्द से जल्द स्थायी करने की पुरजोर कोशिश की जाएगी। इसके अलावा विभिन्न विभागों में 700 से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं जो कॉन्ट्रक्चुअल, एडहॉक या डेलीवेजिज पर 10से 15 सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें आज तक स्थायी नहीं किया गया। इनमें 80 फीसदी से अधिक ओवरएज हो चुके हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय की विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य प्रो. हंसराज ‘सुमन’ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में अनुकम्पा के आधार पर वर्ष 2004 से विश्वविद्यालय के अलग-अलग विभागों में 63 कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर ये कर्मचारी कार्यरत्त हैं। ये कर्मचारियों अपनी स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर कुलपति, रजिस्ट्रार,डिप्टी रजिस्ट्रार आदि को अपनी समस्याएं लिखित में अनेक बार बता चुके हैं। उन्होंने बताया है कि सोमवार 1 जुलाई को हो रही ईसी की बैठक में इन कर्मचारियों का मुद्दा एजेंडे में रखने के लिए, अनुकम्पा आधार समिति की रिपोर्ट को लागू करने संबंधी एक पत्र कुलपति को भेजा है जिसमें उन्होंने मांग की है कि कार्यकारी परिषद की हो रही 1 जुलाई की बैठक के एजेंडे में उनकी मांग को शामिल किया जाए।

प्रो. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन समय-समय पर अनुकम्पा आधार पर नियुक्ति करती रही है, लेकिन 2004 के बाद से आज तक जितने भी इस श्रेणी में कर्मचारियों को लगाया उन्हें कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर अपॉइंटमेंट्स किया जबकि इससे पहले कर्मचारियों को एडहॉक बेसिस पर रखा जाता था और कुछ समय बाद उन्हें स्थायी कर दिया जाता था लेकिन 2004 से 2019 तक के सभी मामले पेंडिंग हैं। इस संदर्भ में आज तक कोई निर्णय प्रशासन द्वारा नहीं लिया गया है जिससे इन कर्मचारियों की उम्र बढ़ती जा रही है, इन्हें स्थायी नियुक्ति की प्रतीक्षा करते-करते 10 से 15 साल हो गए हैं। ये सभी कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर कार्य कर रहे कर्मचारियों की आयुसीमा पार (ओवरएज) हो गई है। दूसरी जगह पर लग नहीं सकते।

प्रो. सुमन ने यह भी बताया है कि अनुकम्पा आधार पर कार्यरत्त कर्मचारियों के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय कम्पनसेट कमेटी के माध्यम से दिशानिर्देश बनाकर इस तरह के मामलों का निपटारा करता रहा है, मगर कुछ साल पहले कम्पनसेट कमेटी बनी उसे भी अपना निर्णय दिए दो साल बीत गए परन्तु दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में गम्भीरता नहीं दिखा रहा है। उनका कहना कि जो दिशानिर्देश उन्होंने बनाई उसे लागू कर दिया गया होता तो 15 साल में इतने अनुकम्पा आधार पर कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर कार्य नहीं करते।

कम्पनसेट कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग

प्रो. सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय की 1 जुलाई को हो रही ईसी की मीटिंग में कम्पनसेट कमेटी द्वारा प्रस्तावित मांगों को ध्यान में रखते हुए उस पर निर्णय लेते हुए सभी कर्मचारियों को स्थायी करने के लिए मांग की है ताकि भविष्य में नियुक्ति के बाद पदोन्नति व सातवें वेतन आयोग के अनुसार वे लाभ ले सके। उन्होंने यह भी बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में 700 से अधिक ऐसे और कर्मचारी है जो जेसिटी और एमटीएस पर लगे हुए हैं इनमें कुछ कॉन्ट्रैक्ट ,कुछ एडहॉक, डेलीवेजिज पर लगाया गया है। इन सभी को एक साथ स्थायी किया जाये ताकि वे सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल सके।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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