दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक में 28 जून को पहली कटऑफ आने के बाद छात्र संगठन दाखिले के लिए आ रहे नए छात्रों की मदद करने में जुट गए हैं। कुछ छात्रों की ओर से भी इसके लिए हेल्प डेस्क लग रहे हैं। पहली कटऑफ के आधार पर दूसरे दिन तक यानी 29 जून तक कुल 9000 दाखिले सभी 90 कॉलेजों में हो चुके हैं। 2.5 लाख आवेदनों पर हो रहे दाखिले में कॉलेजों में सुबह से ही रौनक हो रही है। मेरिट आधार पर दाखिले के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय ने प्रवेश परीक्षा के लिए भी एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। साथ ही इसके लिए मॉक टेस्ट के लिए डीयू के आधिकारिक साइट पर लिंक दिए गए हैं।
नॉर्थ कैम्पस में विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से लेकर हर कॉलेजों में एनएसयूआई, एबीवीपी आदि डूसू के छात्र हेल्प डेस्क तो लगाए जा रहे हैं। वहीं एनएसएस, एनसीसी और नॉर्थ ईस्ट सेल की ओर से छात्रों को दाखिले से संबंधित हर परेशानियों को सुलझाने का काम किया जा रहा है। एनएसयूआई और एबीवीपी एक ओर जहां छात्रों को दाखिले के लिए अलग-अलग कॉलेजों में लगाए जा रहे हेल्प डेस्क पर बैठे छात्रों के मोबाइल नं. उपलब्ध करा रहे हैं तो दूसरी ओर वे छात्रों को दाखिले के लिए जरूरी कागजात और पीजी आदि उपल्ब्ध कराने के लिए बुकलेट भी दे रहे हैं। एनएसएस औऱ एनसीसी के हेल्पडेस्क छात्रों को ईसीए के संबंध में अच्छी तरह जानकारियां दे रहे हैं। साथ ही नॉर्थ ईस्ट सेल के छात्र नॉर्थ स्टेट से आने वाले छात्रों की परेशानियों को सुनते हुए उन्हें अच्छी तरह दाखिले में मदद कर रहे हैं। एक छात्र के अनुसार ऐसे छात्रों के साथ रेसिज्म आर भाषा संबंधी परेशानियां होती हैं। इसलिए उन्हें यूजीसी की ओर से हर कॉलेजों में हेल्प डेस्क लगाकर मदद करने को कहा गया है।
स्नातक दाखिले के लिए पहली कट ऑफ लिस्ट में चयनित छात्रों को 1 जुलाई तक (रविवार को छोड़कर) दाखिला लेना है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने डीयू के सभी कॉलेजों में पहले दिन हेल्प डेस्क लगाई। आंध्र प्रदेश बोर्ड के छात्रों का परीक्षा परिणाम जो कि ग्रेड सिस्टम में है, को प्रतिशत अंक में परिवर्तित करते समय छात्रों को जो नुकसान हो रहा था, अब उसमें भी अभाविप प्रतिनिधिमंडल की डीएसडब्ल्यू से मुलाकात के बाद परिवर्तन करने की मांग को मान लिया गया है। ग्रेड को प्रतिशत अंक में परिवर्तित करते समय 9.5 से गुणा करने की जगह 10 से गुणा करने के नियम संबंधी दिशा-निर्देश प्रशासन ने जारी कर दिए जाने का आश्वासन दिया है।
हाईकोर्ट के निर्णय के उपरांत इस वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया के नियमों बदलाव के कारण प्रवेश हेतु इच्छुक छात्रों के समक्ष जो नियमों को लेकर संदेह हैं, उन्हें छात्र संघ के हेल्प डेस्क पर बैठे कार्यकर्त्ता दूर करने का यथासंभव प्रयास कर रहे हैं ।
अभाविप के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि, ” हेल्प डेस्क के माध्यम से हमारा पूरा प्रयास है कि पूरी प्रवेश प्रक्रिया में हम छात्रों की हर संभव मदद करें । डीयू में छात्रों की बड़ी संख्या दूसरे राज्यों से आती है , जिन्हें प्रवेश के अतिरिक्त अंजान शहर में होने की वजह से और भी मुश्किलें बढ़ जाती हैं, हम इस संदर्भ को भी ध्यान में रखकर हर प्रकार से छात्रों की मदद हेतु तत्पर हैं।”
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