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डीयू दाखिला- ओबीसी कोटे के उम्मीदवार इस साल के सर्टिफिकेट के बिना नहीं कर पा रहे हैं आवेदन

दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में शैक्षिक सत्र -2020-21 के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार ओबीसी कोटे के उम्मीदवारों से वर्तमान सत्र का 31 मार्च और उसके बाद जारी किया गया नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट (अपलोड करने) मांगा गया है। इससे छात्रों की परेशानी बढ़ गई है। फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस ने ओबीसी कोटे के उम्मीदवारों से इस साल का नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट मांगे जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है कि जब यहां पिछले चार महीने से देश में कोरोना का संकट चल रहा हो तो ऐसी स्थिति में ओबीसी कोटे का इस साल सर्टिफिकेट बनवाना कैसे सम्भव है?

फोरम के चेयरमैन और डीयू विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य प्रोफ़ेसर हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि कोविड-19 जैसी महामारी के चलते देशभर में 20 मार्च से लॉक डाउन कर दिया गया। ऐसी स्थिति में  सभी सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय बंद कर दिए गए। ऐसे हालात में कोई भी ओबीसी कोटे के उम्मीदवार कैसे अपना जाति प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। उन्होंने बताया है कि अभी भी दिल्ली एवं अन्य राज्यों में ऑनलाइन नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी कोटे का सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहे हैं, कार्यालय खुले हैं लेकिन सभी कार्य ऑनलाइन हो रहा है। ओबीसी कोटे के सर्टिफिकेट के बिना पोर्टल पर उन्हें पंजीकरण करने में दिक्कत आ रही है। यदि वे पंजीकरण नहीं करा पाते हैं तो दाखिला नहीं ले पाएंगे। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी ओबीसी कोटे की विभिन्न पाठ्यक्रमों में सीटें खाली रह जाएगीं।

प्रोफ़ेसर सुमन ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि ओबीसी कोटे के छात्रों से जिनके पास पिछले वर्षों (तीन साल पहले)  का ओबीसी कोटे का जाति प्रमाण पत्र है, उसके आधार पर उन्हें पंजीकरण कराने की छूट दी जाए और जिनके अभी तक नहीं बने है या ओबीसी कोटे का जाति प्रमाण पत्र बनने के लिए नहीं दिया है ऐसे छात्रों से ‘सेल्फ डिक्लेरेशन ऑफ सर्टिफिकेट’ ले लिया जाए और जैसे ही कोरोना की सामान्य स्थिति हो जाएगी उन्हें एक निश्चित समय देकर ओबीसी कोटे का सर्टिफिकेट ले लिया जाए। उन्होंने बताया है कि उम्मीदवार अपना ऑनलाइन जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन ओबीसी जाति प्रमाण पत्र के लिए संबंधित अधिकारियों/कार्यालय में उपस्थिति दर्ज कराकर पूछताछ की जाती है तभी सर्टिफिकेट बनता है।

उन्होंने ओबीसी के जाति प्रमाण पत्र में छूट दिए जाने की मांग को लेकर कुलपति और डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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