SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

टूलकिट मामले में एक बार फिर नया मोड़, कांग्रेस नेताओं को दिल्ली पुलिस ने भेजा नोटिस

संबित पात्रा के ट्विट को मैुनपिलेटेड बताने के बाद तथाकथित टूलकिट मामले में एक बार फिर नया मोड़ आया। पहले ट्विटर इंडिया के दफ्तर पर छापा और अब दिल्ली पुलिस कांग्रेस के नेताओं को नोटिस जारी कर रही है। आज 25 मई को कांग्रेस के 2 नेता राजीव गौड़ा और रोहन गुप्ता को दिल्ली पुलिस ने नोटिस जारी किया है। ये वही नेता है, जिन्होंने संबित पात्रा पर फर्जी टूलकिट जारी करने की शिकायत दर्ज कराई थी।

दरअसल 2014 के बाद से भारत में बीजेपी एक बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अधिकतर राज्यों में बीजेपी की सरकार है लेकिन फिर भी बीजेपी को अपनी छवि की चिंता सताने लगी है। दरअसल बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने 18 मई को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने ये दावा किया कि कांग्रेस पार्टी ने टूलकिट के जरिए प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने की कोशिश की। साथ ही संबित पात्रा ने टूलकिट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया था। तो अब हुआ यूं कि ट्विटर ने संबित पात्रा के ट्विट को मैनुपुलेटेड मीडिया बता दिया। मैनुपुलेटेड मीडिया यानि तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया गया है।

आपको याद होगा इससे पहले भी टूलकिट को लेकर काफी विवाद हुआ था भारत में पहली बार टूलकिट की चर्चा किसान आंदोलन के दौरान हुई थी। जब बेंगलुरू की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार कर लिया गया था। एक बार फिर से टूलकिट चर्चा में है। इस बार बीजेपी ने कांग्रेस पर कथित रूप से टूलकिट जारी करने और प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने के लिए कोरोना महामारी को इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

इसलिए 24 मई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर इंडिया के दफ्तर पर छापा मार दिया। लेकिन उनके दफ्तर में कोई नहीं मिला और दिल्ली पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।

दिल्ली पुलिस अचानक से ट्विटर इंडिया के दफ्तर पहुंची क्यों?

संबित पात्रा के ट्वीट को मैनुपुलेटेड मीडिया क्यों बताया गया इसका स्पष्टीकरण मांगने के लिए दिल्ली पुलिस ट्विटर इंडिया के दफ्तर पहुंची थी। पुलिस का कहना है कि लगता है ट्विटर के पास ऐसी कोई जानकारी है, जो हमारे पास नहीं है, जिसकी वजह से उन्होंने संबित पात्रा के ट्वीट को मैनुपुलेटेड फ्लैग किया है।

आपको बता दें कि मैनुपुलेटेड फ्लैग देना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी ट्विटर ट्विट्स की जांच करता रहा है और कई बार लोगों के ट्विट को मैनुपुलेटेड मीडिया बताया है लेकिन इस बार मामला सत्ता में बैठे लोगों का है। जो हर तरीके से खुद को सही साबित करना चाहते हैं। कई बार ऐसा होता है कि ट्विटर खुद ही हिंसा फैलाने वाले ट्वीट को डिलीट कर देता है या फिर अकाउंट हमेशा के लिए सस्पेंड कर देता है और अगर तथ्य गलत हुए तो मैनिपुलेटेड मीडिया का फ्लैग देता है।

कांग्रेस पार्टी उस टूलकिट को पूरी तरह से फेक बता रही है। कांग्रेस ने कथित ‘कोविड टूलकिट’ मामले में 25 मई को 11 केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट का हवाला देते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर से आग्रह किया कि इन नेताओं को लेकर भी उसी तरह की कार्रवाई की जाए जो ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ (छेड़छाड़ किया हुए तथ्यों) और ‘फर्जीवाड़े’ के दूसरे मामलों में की जाती है।

कांग्रेस महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्रीय मंत्रियों-गिरिराज सिंह, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, प्रह्लाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, रमेश पोखरियाल निशंक, थावरचंद गहलोत, हर्षवर्धन, मुख्तार अब्बास नकवी और गजेंद्र सिंह शेखावत के ट्वीट के यूआरएल ट्विटर इंडिया के प्रबंधन को एक पत्र के माध्यम से भेजे हैं और कारवाई की मांग की है।

सुरजेवाला ने ट्विटर प्रबंधन को भेजे पत्र में कहा कि फर्जी सामाग्री को प्रसारित करने के लिए ट्विटर के मंच के दुरुपयोग करने और मैनिपुलेटेड मीडिया के दूसरे मामलों में कार्रवाई का जो मापदंड अपनाया जाता है, वही इन मंत्रियों के ट्वीट के मामलों में भी अपनाया जाए।

क्या है टूलकिट?

दरअसल, टूलकिट को अगर हम आसान भाषा में समझें तो ये एक प्रकार का गूगल डॉक्यूमेंट होता है। जिसमें विस्तार से किसी खास मुद्दे के बारे में बताया जाता है। ताकी लोग उसे पढ़कर आसानी से समझ सकें कि आखिर देश या समाज में जो ज्वलंत मुद्दा चल रहा है वह क्यों चल रहा है। साथ ही साथ इसमें ये भी बताया जाता है कि अगर कोई समस्या है तो इसके समाधान के लिए हम क्या-क्या कर सकते हैं।

इस किट में एक्शन प्वाइंट्स लिखे जाते हैं। ताकि कोई भी इंसान उसको फॉलो करके आंदोलन के साथ जुड़ सकता है। खासकर टूलकिट का इस्तेमाल सोशल मीडिया के लिए किया जाता है। इसमें कैंपेन स्ट्रैटजी के अलावा किसी आंदोलन या प्रदर्शन को कैसे किया जाए इसके तहत जानकारी दी जाती है। दुनिया में इस वक्त कई आंदोलन चल रहे हैं। इन सभी आंदोलनों को टूलकिट के माध्यम से ही चलाया जा रहा है। चाहे वो ब्लैक लाइव्स मैटर हो या अमेरिका का एंटी-लॉकडाउन प्रोटेस्ट सभी आंदोलन में टूलकिट का इस्तेमाल किया गया है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "टूलकिट मामले में एक बार फिर नया मोड़, कांग्रेस नेताओं को दिल्ली पुलिस ने भेजा नोटिस"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*