दिल्ली विश्वविद्यालय के विवेकानंद महाविद्यालय में “Perspective on peace and devlopment in a world of conflict” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित नोबेल शांति पुरस्कार (2014) विजेता कैलाश सत्यार्थी ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ”बच्चे समस्या नहीं बल्कि समाधान हैं, इसलिए उनके ऊपर निवेश करना ही असल राष्ट्रीय निवेश है।”
बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक सदस्य और पूरी दुनिया में बचपन के प्रहरी के रूप में प्रसिद्ध सत्यार्थी ने इस दौरान उन्होंने अपने आंदोलन के दौरान आई कठिनाइयों को छात्रों से साझा किया ।
वक्तव्य में उन्होंने कहा कि आर्थिक असमानता ही पूरी दुनिया मे अशांति और युद्ध का कारण है। उन्होंने पूरी दुनिया मे बचपन और बच्चों के शोषण और दोहन का कारण आर्थिक असमानता को बताया और कहा कि आर्थिक समानता कायम करते हुए ही हम विश्व शांति की ओर बढ़ सकते हैं ।
विश्वशांति की स्थापना हेतु उपाय बताते हुए उन्होंने कहा कि संवाद हर तरह के द्वंद और संघर्ष निवारण का एकमात्र विकल्प है। अपने अंदर की शांति को दूसरों तक विस्तारित कर ही सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्तर पर समावेशी विकास को वैश्विक स्तर पर प्राप्त किया जा सकता है ।
सम्मेलन के प्रथम सत्र में जापान से आमंत्रित विद्वान ब्रायन एकोक ने कहा कि शांति एवं समावेशी विकास हेतु विश्व स्तर पर आर्थिक समानता और सामाजिक समरसता आवश्यक है ।इस सत्र में डॉ माला दत्त एवम प्रो प्रियंकर उपाध्याय ने अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किया और छात्रों को अपने आस -पास के परिवेश को संवाद और साझेदारी के बल पर बदलने की अपील की ।
ओएनजीसी, आईसीएसएसआर की ओर से प्रायोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भारी संख्या में छात्रों, शोधार्थियों व शिक्षकों ने भाग लिया ।
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