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कैसे करें दिल्ली विश्वविद्यालय की पीजी प्रवेश परीक्षा की तैयारी?

तस्वीरः गूगल साभार

क्या है पीजी ?

पीजी यानी पोस्ट ग्रेजुएशन या परास्नातक। दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत 72 विषयों में पीजी उपलब्ध है। प्रत्येक विषय में 50 फीसद सीटें दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक यानी ग्रेजुएशन करने वालें विद्यार्थियों के लिए आरक्षित हैं। शेष 50 फीसद से प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लिया जाता है।

दाखिला मेरिट के आधार पर होने के अलग-अलग मानक होते हैं। इसके साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले छात्रों को यह भी सलाह दी जाती है कि वह मेरिट के साथ-साथ प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी अवश्य करें। जिससे मेरिट में नाम न आने पर उनका दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर हो सके।

दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा की प्रमुख तिथियां

  1. आप किसी भी पीजी पाठ्यक्रम के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन www.du.ac.in पर जाकर कर सकते हैं।
  2. आवेदन करने की तिथिमई-जून में होती है ।
  3. प्रवेश परीक्षा जून के महीने में होती है जिसमें परीक्षा केन्द्र को फॉर्म भरते वक्त चुनना होता है।
  4. परीक्षा का परिणामजुलाई माह में निकलता है।

परीक्षा में बैठने के लिए योग्ताएं

  1. प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार का किसी भी केन्द्रीय व मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट यानी स्नातक होना आवश्यक है।
  2. अनारक्षित वर्ग के लिए 55 फीसद व अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 50 फीसद अंक होने चाहिए।

परीक्षा का स्वरूप

परीक्षा पूर्ण रूप से ऑनलाइन होगी

विषय: प्रत्येक कार्यक्रम के लिए, अलग-अलग विषय होंगे जहां प्रश्नों का चयन विषय के आधार पर होगा।

प्रश्नों का रूप: पीजी पाठ्यक्रमों के लिए प्रश्न पत्र में उद्देश्य प्रकार के प्रश्न होते हैं (उन विदेशी भाषाओं की संख्या को छोड़कर, जिनमें फारसी जैसे संक्षिप्त प्रतिक्रिया प्रश्न हैं)।

आकलन अवधि: मूल्यांकन की अवधि दो घंटे होगी।

अंकन योजना: प्रत्येक उपयुक्त उत्तर में 4 अंक दिए  जाएंगे।

नकारात्मक उत्तर: प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1 अंक काट दिया जाएगा।

तैयारी के लिए सुझाव

उम्मीदवारों को परीक्षा के स्वरूप के बारे में पूरी तरह से पता होना चाहिए, ताकि वो सही दिशा में तैयारी कर सकें।

मौलिक विषय जिसमें आप पीजी करना चाहते हैं उसमें अपने कौशल को मजबूत बनाएं।

गलत उत्तर या एक से अधिक उत्तर देने पर नकारात्मक अंक प्राप्त हैं इसलिए तैयारी इसको ध्यान में रखते हुए करें।

उम्मीदवारों को अपने विषय के चयन के आधार पर तैयारी करनी चाहिए।

अधिक से अधिक प्रश्नों को घर पर हल करना सफलता की तरफ पहला कदम है, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के आधार पर प्रश्न हल करें। यह विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान समय का पूरा उपयोग करने में मदद करता है।

एक समय सीमा निधारित कर लें और सभी विषयों को उस समय से पहले पूरा करने की कोशिश करें।

एक बार अगर आप 100 प्रश्नों को एक दिन में हल करने का लक्ष्य पूरा कर लें, तो प्रश्नों की सीमा को दूसरी बार 150 तक बढ़ा दें और फिर 200, और इसी तरह प्रतिदिन प्रश्नों की संख्या बढ़ाते रहें।

पिछले सालों के प्रश्न पत्रों को तब तक हल करते रहें जब तक उसके सभी प्रश्नों के सही उत्तर न दे दें।

आप कहाँ गलती कर रहे हैं उस पर ध्यान दें और अगली बार उसे सुधारने की कोशिश करें। अपने लिए शॉर्ट नोट्स तैयार कर लें, यह आपको तैयारी के अंतिम क्षणों में मदद करेंगे।

अपने दोस्तों, अध्यापकों, ट्यूटर्स के साथ सवालों को लेकर चर्चा कर सकते हैं। दोस्तों के साथ चर्चा करना बहुत आसान है वो हमें जल्दी समझा सकते हैं।

अगर प्रश्न पत्र आपकी उम्मीद के अनुसार न निकले, तो हिम्मत न छोड़ें। अपना पूरा ध्यान एकाग्रता के साथ प्रश्नपत्र पर लगाएं।

आपको विश्वास बनाना होगा कि आप इस काम को हमेशा संभव कर सकते हैं, क्योंकि मेहनत ही सफलता की कुंजी है, आप सफलता के मूल सिद्धांतों को समझने और नियमित अभ्यास करने में सक्षम है।

सकारात्मक सोचें, सकारात्मक बनें और सकारात्मक प्राप्त करें। सब कुछ सकारात्मक आपको सकारात्मक बनाता है। सकारात्मक उत्थान और प्रेरित विचार के साथ अपने मन को भरें और आप सफलता की प्रचूर मात्रा में सफल होंगे। सकारात्मक सोच में जादुई असर होता है जो आपके व्यवसाय में सफल होने में मदद करता है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

दीपक वार्ष्णेय
राष्ट्रीय युवा कवि, लेेखक, समीक्षक

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