SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

एनएसए लगने के बाद मनीष कश्यप की मुश्किलें कितनी बढ़ीं, जानिये यूट्यूबर से जेल जाने तक की कहानी

गूगल साभार

सोशल मीडिया पर कुछ दिनों पहले तक धूम मचाने वाले मनीष कश्यप को लंबे समय तक जेल में बिताना पड़ सकता है। मनीष कश्यप के ऊपर बिहार में दर्ज हुए मामले के बाद गिरफ्तारी हुई। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने भी शिकंजा कसते हुए एनएसए की धाराएं लगा दी हैं। अब क्या सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में मनीष को राहत मिलेगी या उन्हें लंबे समय तक हिरासत में जीवन बिताना पड़ेगा? इन्हीं सवालों का जवाब आगे आपको मिलने वाला है।

स्वयं को सन ऑफ बिहारकहने वाला मनीष कश्‍यप बुरी तरह फंस गया हैं। अब तमिलनाडु पुलिस ने मनीष पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी मामला दर्ज कर लिया है। कश्यप पर तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों की कथित पिटाई का फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में कानूनी कार्रवाई जारी है। 1 अप्रैल की सुबह ही आरोपी मनीष ने बिहार पुलिस के सामने सरेंडर किया था और उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद तमिलनाडु राज्य की पुलिस ने मनीष कश्यप को गिरफ्तार किया और उसे  पटना से तमिलनाडु ले जा कर मदुरै कोर्ट मे पेश किया।  

कौन है मनीष कश्‍यप ? 

मनीष कश्‍यप जाना माना यूट्यूबर हैं। मनीष कश्‍यप बिहार के ज़िला पश्चिम चंपारण से है। उसका असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है। उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, इंजीनियर की डिग्री प्राप्त करने के बाद मनीष नौकरी करने की बजाय वापस अपने राज्य बिहार लौट आया और पत्रकारिता को अपना पेशा बनाया, और उसने यूट्यूब पर सचतक नाम का एक चैनल खोला। वर्तमान मे यूट्यूब मे सचतक चैनल के करीब 6.63 मिलियन सब्सक्राइबर है। इसके साथ ही फेसबुक पर उनके 4 करोड़ से अधिक फॉलोअर हैं। मनीष कश्यप ने राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई है, 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था। इस विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें कुल 9239 वोट मिले। 

मनीष पर क्या आरोप हैं ? 

मनीष कश्‍यप पर आरोप यह है कि, उसने तमिलनाडु में बिहारी मजदूर पर अत्याचार और मारपीट का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करवाया था। य़ुट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ बिहार में 14 और तमिलनाडु में 13 केस दर्ज किए गए हैं । 30 फरवरी को बिहार आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने कोर्ट से अरेस्ट वॉरेंट हासिल किया था। इसके बाद बिहार पुलिस ने पटना और दिल्ली में कई जगहों पर रेड मारी लेकिन मनीष कश्यप नहीं मिले।

मनीष ने इसके बाद पुलिस थाना जाकर आत्मसमर्पण कर दिया। मनीष कश्यप पर एफआईआर होने के बाद जब पुलिस ने मनीष कश्यप के खाते की तलाशी की तो उनके 3 खातों में लगभग 42 लाख रुपये थे। पुलिस ने उसे अब फ्रीज कर दिया है

मामला तमिलनाडु का था। इस मामले में तमिलनाडु पुलिस ने फेक न्यूज और फेक वीडियो प्रसारित करने के लिए मनीष कश्यप और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद मनीष कश्यप ने मार्च के अंतिम सप्ताह में बिहार पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। बाद में तमिलनाडु पुलिस की ओर से मदुरै लाया गया। खबरों की माने तो इसके बाद तमिलनाडु पुलिस की ओर से मनीष कश्यप पर एनएसए (NSA) की धाराएं लगा दी गई हैं।

NSAया रासुका क्या है? 

NSA या रासुका एक ऐसा कानून है जिसके तहत केंद्र या राज्य सरकार किसी व्यक्ति को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा उत्पन्न करने से रोकने के लिये हिरासत में ले सकता है। सरकार किसी व्यक्ति को आवश्यक आपूर्ति एवं सेवाओं के रखरखाव तथा सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने से रोकने के लिये NSA के अंतर्गत कार्यवाही कर सकती है। इस कानून को 1980 में देश की सुरक्षा के लिए सरकार को ज्यादा शक्तियां देने के लिए जोड़ा गया था। कुल मिलाकर ये कानून सरकार को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की गिरफ्तारी की शक्ति देता है।  

रासुका के अंर्तगत किसी संदिग्ध व्यक्ति को 3 माह के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है। लेकिन, सरकार को मामले से संबंधित नये सबूत मिलने पर इस समय सीमा को बढ़ाया जा सकता है। हिरासत की समयावधि को 12 महीने तक किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला  

मनीष ने 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी। साथ ही मनीष कश्यप ने अर्जी दाखिल कर अंतरिम जमानत के साथ अलग-अलग राज्यों में दर्ज FIR को भी एक साथ जोड़ने की मांग की थी। मनीष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अब 10 अप्रैल को सुनवाई होगी। सुनवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में होगी। खबरों की मानें तो इस अर्जी में एनएसए हटाने की मांग भी की गई थी।

इससे पहले 5 अप्रैल यानी बुधवार को तमिलनाडु की मदुरई कोर्ट ने 19 अप्रैल तक मनीष की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।

जेल जाने से पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री को दी थी धमकी

मनीष कश्यप ने केस दर्ज होने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को चुनौती दी थी कि जेल से निकलते ही कुछ ही महीनों में वो सरकार गिरा देगा। मनीष ने कहा था कि तेजस्वी यादव के परिवार के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी के मामले में सीबीआई छापेमारी से ध्यान भटकाने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई। मनीष कश्यप ने कहा था कि वह डरने वाला नहीं है।

मनीष कश्यप पहले भी जा चुका है जेल

मनीष पहले भी कई बार जेल जा चुका हैं। कश्यप पर साल 2016-2017 में एक वीडियो मे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के लिए अपशब्दों के प्रयोग का आरोप है।  

साल 2018 में पश्चिम चंपारण में महारानी जानकी कुंवर अस्पताल परिसर में स्थित किंग एडवर्ड-Vll की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया था। इस मामले को लेकर मनीष कश्यप ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें साझा की थीं और राष्ट्रवाद के नाम पर मूर्ति तोड़े जाने का समर्थन किया था। इस मामले में उसे जेल जाना पड़ा था।

साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद पटना में कश्मीरी शॉल, स्वेटर वगैरह के मेले में मनीष कश्यप ने कश्मीरी लोगों के साथ मारपीट की थी और उनके कपड़े फेंक दिए थे। उस मामले में भी मनीष कश्यप को जेल भेजा गया था।

साल 2021 में उसने बैंक में जाकर मैनेजर के साथ मारपीट की थी। बैंक मैनेजर ने इसके ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया था। इस मामले में गिरफ़्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट गया था, लेकिन अदालत ने उसकी अग्रिम ज़मानत की याचिका ख़ारिज़ कर दी थी।

-श्रिया गुप्ता

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "एनएसए लगने के बाद मनीष कश्यप की मुश्किलें कितनी बढ़ीं, जानिये यूट्यूबर से जेल जाने तक की कहानी"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*