SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

उप्र लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली और भ्रष्टाचार के विरोध में बीएचयू गेट पर रात्रिकालीन धरने पर बैठे आक्रोशित छात्र

तस्वीरः गूगल साभार

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में लगातार हो रही घोर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ मंगलवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने रातभर धरना प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। इसमें दलीय बन्धन तोड़ सरकार के लचर रवैये के खिलाफ एकजुट होकर विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र एवं नौजवान बीएचयू गेट लंका वाराणसी पर शाम से ही जुटे और प्रतिरोध सभा करते हुए रात्रिकालीन धरने पर बैठ गए।

रोज़गार के महत्वपूर्ण सवाल पर आह्वान की गई इस बैठक में छात्रों के साथ-साथ काफ़ी तादाद में अभिवावक और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए। सभा में वक्ताओं ने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए बेहद आक्रोश के स्वर में नारे लगाए। धरने पर हुई सभा मे शिक्षा के निजीकरण और बाजारीकरण से लेकर रोजगार की चुनौतियों को समझने की जरूरत बतलाई। बता दें कि विवि की नियुक्तियों से लेकर आयोग से लगातार तमाम छोटी बड़ी नौकरियों में भ्रष्टाचार के गम्भीर शिकायतें सामने आई हैं। और ये सभी बातें गांव के किसी आम किसान मजदूर सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार के ऊपर कैसे बिजली की तरह गिर रही होंगी ये सोच कर सिहरन पैदा हो जाती है।

उत्तर प्रदेश सरकार को आगाह किया गया कि आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार में संलिप्त सभी दोषियों पर कठोर कार्यवाही करते हुये छात्रों एवं युवाओं के भविष्य से जुड़ी परीक्षाओं को पूर्णतया पारदर्शी बनाकर अविलम्ब परीक्षाओं को संचालित नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में इसी तरह छात्र और नौजवान व्यापक आंदोलन करेंगे।

रवींद्र भारतीय के अनुसार, उत्तर  प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में व्याप्त भ्रष्टाचार का उजागर जो पिछले दिनों परीक्षा नियंत्रक अंजुलता कटियार और प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार के सांठगांठ से सामने आया, उससे सरकार के क्रिया कलाप पर सवाल उठा है जो पूर्व में भी देखने को मिला है। योगी आदित्यनाथ सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में वैसे भी एलटी ग्रेड, अवर अभियंता, समीक्षा अधिकारी, पीसीएस परीक्षाओं का अंतिम परिणाम या यूं कहें किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का परिणाम नहीं आया। उपरोक्त भ्रष्टाचार की घटनाएं सामने आ जाने पर प्रदेश सरकार ने अगले वर्ष तक सारी परीक्षाओं को टाल दिया है। ऐसे में प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है।

जहाँ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उक्त घटना में एसआईटी की जाँच की बात कहकर सांत्वना देने का कार्य किया जा रहा है, वहीं सवाल उठता है कि पूर्व सरकार में हुई नियुक्तियों के मामले में सीबीआई जाँच के द्वारा कारवाई की बात अब कमजोर हो चुकी है। जहाँ ईमानदारी से जाँच कर रहे अधिकारी राजीव रंजन को हटा दिया गया ऐसे माहौल में लगता है इस जाँच का हाल भी वही होना है। ऐसे में प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का की मांग है कि संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत उप्र लोकसेवा आयोग को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अधीन करा दें, जिससे घोषित कैलेण्डर के तहत परीक्षाएं हो और परीक्षार्थियों का भविष्य सुरक्षित बने।

वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में भ्रष्टाचार के मामले पर प्रदेश भर में छात्रों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है, वाराणसी से लेकर प्रयागराज तक प्रतियोगी छात्र व विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र लगातार सड़कों पर आंदोलित हैं, मोदी सरकार ने आयोग की निष्पक्ष सीबीआई जांच की बात कही थी, प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सीबीआई जांच के नाम पर लीपापोती शुरू हो गयी। सीबीआई जांच में जब बीजेपी के नेता फंसने लगे तो सीबीआई के जांच अधिकारी आईपीएस राजीव रंजन का तबादला नार्थ ईस्ट प्रदेश में करा दिया। बैठक में इस बात पर हर्ष व्यक्त किया गया कि जनपद इलाहाबाद में आज सुबह साथी संघर्षकारी छात्र नेता रिहा हुए हैं। लेकिन, अफसोस सरकार की नीति नियत पर भरोसा नही बन पा रहा है।

छात्रों ने सरकार व बीजेपी के विरुद्ध नारेबाजी किया। योगी सरकार मुर्दाबाद, यूपी पीएससी की एसआईटी जांच कराओ, रोजगार पर हमला नहीं सहेंगे, पचास लाख में एसडीएम नहीं सहेंगे, चालीस लाख में डिप्टी एसपी नहीं सहेंगे, योगी मोदी हाय हाय, बाबा जी हाय हाय जैसे नारे लगा रहे थे।

कुछ छात्र हांथो में तख्तियां लिए हुए थे जिस पर सरकार विरोधी नारे लिखे हुए थे, योगी मोदी शर्म करो।

रात्रिकालीन धरने में खबर लिखने तक प्रमुख रूप से विकास सिंह, धनंजय, निर्भय सिंह, अजय सिद्धार्थ, अजय भारती, अजय आहूजा,अजीत कुमार, रामसिंह भारती, चंदन सागर, मुन्ना शंकर राय, दिवाकर, विवेक, गौरव, दीपक राजगुरु आदि मौजूद रहे।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "उप्र लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली और भ्रष्टाचार के विरोध में बीएचयू गेट पर रात्रिकालीन धरने पर बैठे आक्रोशित छात्र"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*