भारतीय जनसंचार संस्थान के 11 छात्रों को सस्ती शिक्षा पर की चर्चा करने के कारण 10 फरवरी को निलंबित कर दिया गया। उनको एक नोटिस दिया गया जिसमें लिखा है कि संकाय सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बार-बार परामर्श देने के बाद भी परिसर में ‘छात्रों की तरफ से अनुशासनहीनता’ हुई। भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) के 11 छात्रों का दावा है कि उन्हें सस्ती शिक्षा के संबंध में एक चर्चा आयोजित कराने पर प्रशासन की तरफ से कारण बताओ नोटिस मिला है और उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
नोटिस में प्रशासन ने कहा है कि संकाय सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बार-बार परामर्श देने के बाद भी परिसर में ‘छात्रों की तरफ से अनुशासनहीनता’ हुई। इससे पहले 8 जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस वृद्धि के खिलाफ शुरू हुआ। इसके बाद पिछले साल दिसंबर में विरोध आईआईएमसी के परिसर तक भी पहुंचा और ‘सस्ती शिक्षा’ को लेकर यहां भी छात्रों ने प्रदर्शन किया। कुछ छात्रों ने परिसर में फीस वृद्धि और मेस शुल्क के खिलाफ कई दिनों तक हड़ताल भी की।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर महीने में आईआईएमसी के छात्रों ने शिक्षण शुल्क, हॉस्टल और मेस चार्ज में बढ़ोत्तरी के खिलाफ संस्थान परिसर में हड़ताल किया था। इससे पहले जेएनयू में छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के विरोध में भारी प्रदर्शन हुआ था। आईआईएमसी सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था है। आईआईएमसी की स्थापना साल 1965 में हुई थी और यह देश का सर्वश्रेष्ठ सरकारी मीडिया संस्थान माना जाता है। सरकारी संस्थान “नो प्रॉफिट नो लॉस” आधार पर चलने वाले हैं, जबकि आईआईएमसी में फीस साल दर साल बढ़ाई जा रही है। पिछले तीन सालों में ये फीस तकरीबन 50 फीसदी तक बढ़ा दी गई है।
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