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रामदेव के ‘कोरोनिल’ के दावे को आयुष मंत्रालय से लगा झटका, कोरोना की दवा के विज्ञापन पर लगी रोक!

Photo- Swami Ramdev II FB Page

भारत सरकार ने पतंजलि से कोरोना वायरस की दवा का विज्ञापन बंद करने को कहा है। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद से इस दवा के संबंध में संज्ञान लेते हुए पूरी जानकारी मांगी है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि उसे इस दवा के संबंध में तथ्‍यों के दावे और वैज्ञानिक शोध के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। और बिना मानक की जांच कराये हर तरह के विज्ञापन पर अगले आदेश तक रोक रहेगी। बता दें, योग गुरु स्वामी रामदेव ने तथाकथित कोरोनावायरस की दवा ‘कोरोनिल’ ‘श्वासारि वटी’ नाम की दो दवाओं को मंगलवार को बाजार में उतारकर दावा किया कि आयुर्वेद पद्धति से जड़ी बूटियों के गहन अध्ययन और शोध के बाद बनी यह दवा शत प्रतिशत मरीजों को फायदा पहुंचा रही है।

कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक दवा बनाने का यह दावा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रायल में शामिल रहे वैज्ञानिक, डॉक्टर, रिसर्चर भी मौजूद रहे।

रामदेव ने कहा कि संपूर्ण साइंटिफिक डॉक्यूमेंट के साथ श्वासारि वटी, कोरोनिल, कोरोना की एविडेंस बेस्ड पहली आयुर्वेदिक औषधि है। पतंजलि के मुताबिक, यह रिसर्च संयुक्त रूप से पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीआरआई) हरिद्वार, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (NIMS), जयपुर द्वारा किया गया है। दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी, हरिद्वार और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार के द्वारा करने की बात कही गई।

कोरोना वायरस की यह कोरोनिल नामक दवा एक आयुर्वेदिक दवा है। इस दवा में सिर्फ देसी सामान मिलाया गया है। इस दवा को मुलैठी, गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वासारि आदि की मदद से तैयार किया गया है। बाबा रामदेव ने बताया कि पतंजलि मेगा स्टोर पर यह दवा तकरीबन 600 रुपये में उपलब्ध होगी। इसके साथ ही बाबा रामदेव ने कहा है कि जो गरीब और आर्थिक रूप से 600 रुपये खर्च करने में सक्षम नहीं होंगे उन तक यह दवा फ्री में पहुंचाने पर भी विचार किया जा रहा है।

बीबीसी की खबर के अनुसार, रामदेव का दावा है कि इस दवा के ट्रायल में 280 मरीज़ों ने हिस्सा लिया था और वे पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि मरीज़ों पर दवा के परीक्षण के लिए ज़रूरी मंजूरी पहले ही ले ली गई थी। पतंजलि के दावे के अनुसार क्लिनिकल ट्रायल के अनुसार तीन दिन के अंदर 69 फीसदी मरीज रिकवर कर गए. वहीं सात दिन के अंदर 100 फीसदी मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो गए।

हालांकि इस मामले पर सरकार ने पतंजली से कहा है कि इसका प्रचार प्रसार तुरंत बंद किया जाए। सरकार ने कहा कि अभी इस दवा की वैज्ञानिक जांच नहीं हुई और उनको इस बारे में नहीं पता, इसलिए अभी तत्काल प्रभाव से इसका प्रचार प्रसार रोका जाए।

आयुष मंत्रालय के बयान के मुताबिक़ पतंजलि को इस बारे में सूचित कर दिया गया है कि दवा के इस तरह के विज्ञापनों जिसमें आयुर्वेदिक दवा भी शामिल हैं, वो ड्रग एंड मैजिक रिमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) क़ानून, 1954 और कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार के निर्देशों के अंतर्गत आता है।

बता दें कि मंत्रालय ने 21 अप्रैल, 2020 को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें ये बताया गया था कि आयुष मंत्रालय की देखरेख में कोविड-19 को लेकर शोध अध्ययन कैसे किया जाएगा।

मंत्रालय ने सैंपल साइज़, इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी क्लियरेंस, सीटीआरआई रजिस्ट्रेशन और अध्ययन से जुड़े डेटा के बारे में भी जानकारी मांगी है।

साथ ही मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार के लाइसेंसिंग प्राधिकरण से दवा की लाइसेंस की कॉपी मांगी है और प्रोडक्ट के मंज़ूर किए जाने का ब्यौरा भी माँगा है।

भारत में अब कोरोना संक्रमितों के मामले बढ़कर 4 लाख 40 हजार 215 हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 24 घंटे में कोरोना के 14933 नए मामले आये हैं और 312 मरीजों की मौत हुई है। देश में कोरोना के अब एक लाख 78 हजार 14 सक्रिय मामले हैं। कोरोना से देशभर में अब तक 14011 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 2 लाख 48 हजार 189 लोग इस वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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