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पत्रकारिता दिवस पर आइये हम प्रण करें

तारीख 30 मई 1826 जब पंडित जुगल किशोर शुक्ल पहला हिंदी समाचार पत्र “उदंत मार्तण्ड” का प्रकाशन इस दुनिया में लाये। तब से लेकर आज तक अनेकों प्रतिकूल परिस्थितियां होने के बाद भी यह देश में एक अलग पहचान बनाये हुए है। कदाचित इसे विदेशी सरकारों की यातनाएं भी झेलनी पड़ीं, कई बार इनकी दमन-नीति का शिकार भी होना पड़ा था। उन्नीसवीं शताब्दी में हिंदी गद्य-निर्माण की चेष्टा और हिंदी प्रचार का आंदोलन अत्यन्त प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अत्यन्त कठिनाइयों का सामना करते हुए भी कितना तेज़ और पुष्ट था।  इसका साक्ष्य – “भारतमित्र” (1878), “सार-सुधनिधि” (1879), तथा “उचित वक्ता” (1880) की परम सफलता है।

वर्त्तमान में हिंदी कलम पुजारियों ने अंग्रेजी पत्रकारिता के दबदबे को नष्ट कर दिया। जहाँ पहले देश विदेश में अंग्रेजी पत्रकारिता का दबदबा था, आज चहुंदिश हिंदी भाषा का झंडा लहरा रहा है जो हम हिंदी भाषियों के लिए अत्यंत गर्व की बात है। आज यह 193 साल की हो गई। आइए हम प्रण करते हैं कि इसकी बढ़ती उम्र के साथ हम इस भाषा की चमक चहुंदिश फैलाएंगे।

-रोहित कुमार

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

1 Comment on "पत्रकारिता दिवस पर आइये हम प्रण करें"

  1. Pooja varma | May 31, 2019 at 3:40 AM | Reply

    बहुत खूब

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