दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के मैत्रेयी कॉलेज में 20 और 21 फरवरी को सांस्कृतिक महोत्सव रैप्सोडी-2020 का आयोजन किया गया। रैप्सोडी के पहले दिन की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध ओडीसी नृत्यांगना प्रतिभा जेना एवं विशिष्ट अतिथि हास्यकवि वेद प्रकाश वेद रहे। दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम का प्रारम्भ गणेश-वन्दना एवं दीप-प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
मैत्रेयी कॉलेज की प्राचार्या डॉ. हरित्मा चोपड़ा ने कहा कि यह कार्यक्रम भारतीय और पाश्चात्य संस्कृतियों का अद्भुत संगम है, जिसमें एक तरफ भारतीय परम्परा के नृत्य हैं तो दूसरी तरफ पाश्चात्य डांस भी समाहित हैं। शास्त्रीय संगीत एवं वेस्टर्न म्यूजिक के साथ कई तरह के कार्यक्रमों से सुसज्जित इस महोत्सव के कारण पूरा कॉलेज छात्राओं की रचनात्मक प्रतिभा का प्रतिबिंब बना हुआ है। मुख्य अतिथि प्रतिभा जेना ने शास्त्रीय नृत्य परम्परा को सुदृढ़ करने की बात की तथा नृत्यकला को योग और स्वास्थ्य से जोड़ने पर बल दिया। हास्य कवि वेद प्रकाश ‘वेद’ ने अपनी हास्य कविताओं से सामाजिक एवं पर्यावरण चेतना के प्रति सभा को जागरूक किया।
रैप्सोडी के पहले दिन के कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं
पहले दिन कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इनमें मलंग, स्वरोत्सव, मेराकी, नुक्कड़-नाटक, अभिव्यक्ति, विस्टा, झील जैसे कई कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। इसमें कई कॉलेजों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
रैप्सोडी का दूसरा दिन
रैप्सोडी के दूसरे दिन विभिन्न कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का दौर जारी रहा। नृत्य, गीत-संगीत से सुसज्जित विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन कर आकर्षक उपहार जीते। अंतिम दिन सुबह से ही दर्शकों का हुजूम उमड़ने लगा और दो बजते-बजते पूरा कॉलेज परिसर दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं अन्य दर्शकों से खचाखच भर गया। सभी को सुबह से ही गायक दर्शन रावल के कार्यक्रम का बेसब्री से इन्तजार था। निर्धारित समय पर दर्शन रावल का आगमन एवं प्रस्तुतियां प्रारम्भ हो गयी थी। उन्होंने अपने लोकप्रिय गानों पर दर्शकों को रोमांचित कर झूमने पर मज़बूर कर दिया।
कार्यक्रम में दिखी जबरजस्त व्यवस्था, ड्रोन कैमरों से निगरानी
डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि मनोरम मौसम के साथ शानदार गीतों ने दर्शकों को आनन्दविभोर कर नाचने, छूमने और गाने पर मजबूर कर दिया। दर्शकों का उत्साह अपने चरम पर था। कार्यक्रम की लोकप्रियता का आलम यह था कि इसमें डीयू के कॉलेज के लगभग पन्द्रह हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मैत्रेयी कॉलेज की तैयारियां बेहतरीन थी। इसके लिए कॉलेज ने हेल्पडेस्क, वॉलिंटियर्स की टीम, मेडिकल टीम के साथ-साथ अनुशासन समिति का विधिवत गठन कर रखा था। साथ ही पूरे परिसर की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का भी प्रयोग किया जा रहा था। किसी भी तरह की कोई समस्या न हो, इसके लिए कॉलेज परिसर के बाहर दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ के साथ-साथ मैत्रेयी कॉलेज प्रांगण में कॉलेज द्वारा गठित सहायता सुरक्षा प्राधिकारियों की टीम पूरे कार्यक्रम पर बराबर नज़र बनाए हुए थी। यही कारण है कि इतने भव्य एवं शानदार तरीके से कार्यक्रम का सफल समापन हो पाया। कॉलेज प्राचार्या डॉ. हरित्मा चोपड़ा ने सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद विभिन्न कॉलेजों से आए हुए छात्र-छात्राएं एवं अन्य दर्शकगण दर्शन द्वारा गाए गीतों को गुनगुनाते हुए तथा कार्यक्रम एवं व्यस्थापन की प्रशंसा करते हुए अपने गन्तव्यों की ओर लौट गए।
पूरे साल छात्र करते हैं रैप्सोडी का इन्तज़ार
डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि मैत्रेयी महाविद्यालय द्वारा आयोजित होने वाला यह सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यार्थियों के बीच काफी लोकप्रिय है, जिसका पूरे वर्ष सभी विद्यार्थी बड़ी बेसब्री से इन्तजार करते हैं। इसका कारण यह है कि इसमें आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है, जिसमें विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा-प्रदर्शन का सुनहरा अवसर मिलता है। यही कारण कारण है कि इसमें मैत्रेयी कॉलेज के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेक कॉलेजों के छात्र भी उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।
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